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समान नागरिक संहिता का इस्तेमाल मुसलमानों को गुमराह करने के लिए किया जा रहा है: नरेंद्र मोदी

समान नागरिक संहिता का अर्थ देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून है जो धर्म पर आधारित न हो। यूसीसी कानून को लागू करना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा रहा है। उत्तराखंड जैसे राज्य अपना सामान्य कोड तैयार करने की प्रक्रिया में हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता (UCC) का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने और भड़काने के लिए किया जा रहा है।

"आज समान नागरिक संहिता के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है। देश को दोहरे कानूनों के आधार पर कैसे चलाया जा सकता है? संविधान में भी समान अधिकारों की बात की जाती है। सुप्रीम कोर्ट ने भी यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने को कहा है लेकिन जो लोग वोट के भूखे हैं वे इसमें बाधा डालते हैं," मोदी ने कहा।

"वोट बैंक की राजनीति करने वालों ने पसमांदा मुसलमानों का जीवन कठिन बना दिया है और उनके साथ समान व्यवहार नहीं किया जाता है," पीएम मोदी ने कहा।
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दरअसल विधि आयोग ने इस महीने की शुरुआत में राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दे पर सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित हितधारकों से विचार मांगकर यूसीसी पर एक नई परामर्श प्रक्रिया शुरू की।
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले सप्ताह कहा था कि समान नागरिक संहिता भारत के संविधान के निदेशक सिद्धांतों का हिस्सा है और विपक्ष इसे "वोट बैंक की राजनीति" बनाकर मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है।
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