भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा कि ऐसी स्वतंत्रता का उपयोग हिंसा भड़काने या आतंकवादी गतिविधि का बहाना बनाने के लिए नहीं किया जा सकता है।
"हमने पीएम ट्रूडो की टिप्पणियों के बारे में मीडिया रिपोर्टें देखी हैं... मुद्दा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का नहीं है, बल्कि हिंसा की वकालत करने, अलगाववाद का प्रचार करने और आतंकवाद को वैध बनाने के लिए इसके दुरुपयोग का है," भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाने वाले खालिस्तानी पोस्टरों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा।
साथ ही उन्होंने आगे कहा, "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर आतंकवादी तत्वों को जगह नहीं दी जानी चाहिए और हम इस मुद्दे के समाधान के लिए बहुत गंभीर हैं।"
दरअसल खालिस्तानियों ने आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद 8 जुलाई को एक रैली बुलाई है। इस रैली के पोस्टरों में ओटावा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और टोरंटो में महावाणिज्य दूत अपूर्व श्रीवास्तव की तस्वीरें देखने को मिली है। पोस्टरों में अधिकारियों को मारने की बात कही गई है। इसे लेकर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई।
इस बीच बुधवार को, कनाडा में एक भारतीय मूल के सांसद ने वरिष्ठ भारतीय राजनयिकों को "हत्यारा" करार देने वाले खालिस्तान समर्थक उत्तेजक पोस्टरों की निंदा की और चेतावनी दी कि "हमारे आस्तीन में सांप अपना सिर उठा रहे हैं और फुंफकार रहे हैं।"
बता दें कि भारत ने सोमवार को नई दिल्ली में कनाडाई दूत को तलब किया और कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों पर डिमार्शे जारी किया।