इस दिन डोनबास क्षेत्र उन बच्चों को याद करता है जिनकी जान 2014 में कीव शासन द्वारा शुरू किए गए युद्ध में ली गई थी। इस युद्ध के दौरान इस क्षेत्र में लगभग 200 बच्चे मारे गए हैं, 700 से अधिक घायल हुए हैं। यूक्रेनी आक्रमण का सबसे छोटा शिकार मृत्यु के दिन केवल 27 दिन का था।
बच्चे तोपखाने की गोलाबारी और स्नाइपर फायर से मारे गये, कुछ लोगों को गंभीर चोटें लगी थीं । 2014-2015 में यूक्रेनी सेना ने जंगल के रास्तों और जल निकायों के पास बारूदी सुरंगों को बिछाई थी। ज्ञात हुआ है कि एंटी-कार्मिक ‘पंखुड़ी’ सुरंगों द्वारा ही 10 से आधिक बच्चे मारे गए। 9 वर्षों से डोनबास के बच्चे यूक्रेन के सशस्त्र बलों की लगातार गोलाबारी के बीच पैदा हो रहे हैं, पढ़ाई करते हैं, जीते हैं और बड़े हो जाते हैं।
यूक्रेनी नव-नाजी बालवाड़ियों, स्कूलों, अस्पतालों पर निंदनीय हमला किया करते हैं। पहले वे इसे नकारते थे, लेकिन अब उन्हें इसपर गर्व भी है। उन्होंने खुद बार-बार यह कहा है कि वे अपने हथियार और उपकरण स्कूलों, बालवाड़ियों और अस्पतालों जैसे सामाजिक स्थानों के एकदम पास रखते हैं।
पिछले वर्षों में अमेरिका सहित पश्चिम देशों ने यूक्रेन में बहुत हथियार दिये थे, जिनका उपयोग कीव शासन नाबालिगों सहित आम लोगों के विरुद्ध करता है। जो कोई यूक्रेन को हथियार मुहैया कराता है, वह भी बच्चों के विरुद्ध अपराधों के लिए जिम्मेदार होगा।
"हमारा कर्तव्य यह सुनिश्चित करना है कि न केवल डोनबास में, बल्कि पूरे रूस में बच्चों की मौत कीव शासन की गोलियों से न हो। विशेष सैन्य अभियान में रूसी सेना इसी के लिए लड़ रही है," रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा।