भारत-रूस संबंध
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रूसी गेहूं भारत की खाद्य सुरक्षा को दे सकता है बढ़ावा: रिपोर्ट

घरेलू उत्पादन में कमी की चिंताओं के बीच सरकार द्वारा भंडारण सीमा लागू करने और खुले बाजार में व्यापारियों को अनाज बेचने से कीमतें बढ़ी हैं।
Sputnik
केंद्र सरकार बढ़ती कीमतों के बीच घरेलू स्टॉक बढ़ाने के लिए सरकार-से-सरकार (G2G) सौदे के जरिए रूस से 9 मिलियन टन गेहूं के आयात पर विचार कर रही है, मामले से वाकिफ अधिकारी के हवाले से भारतीय मीडिया ने बताया।
''संभावना (आयात की) पर उच्चतम स्तर पर चर्चा की जा रही है,'' प्रारंभिक चरण में चल रहे विचार-विमर्श से अवगत एक अधिकारी ने स्थानीय मीडिया से कहा।
गेहूं का अखिल भारतीय उपभोक्ता थोक मूल्य बुधवार को 6.2% बढ़कर 2,633 रुपये प्रति क्विंटल हो गया, जो एक साल पहले 2,480 रुपये था।
"जून में अनाज और उत्पादों की अखिल भारतीय खुदरा मुद्रास्फीति 16.3% थी। गेहूं, चावल और मोटे अनाजों में पिछले छह महीनों में दोहरे अंक में मुद्रास्फीति देखी गई है," रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा।
व्यापार और अर्थव्यवस्था
15 साल में पहली बार भारत सरकार ने गेहूं भंडारण सीमा लागू की
बता दें कि कम उत्पादन, घटते स्टॉक और बढ़ती मांग के संयोजन ने कीमतों में वृद्धि को बढ़ावा दिया है। सरकार ने 2023 में भारत का गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 112.7 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया है, लेकिन व्यापारियों और मिल मालिकों का अनुमान है कि उत्तरी, मध्य और पश्चिमी मैदानी इलाकों में फरवरी-मार्च में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण पकने वाली फसल को नुकसान हुआ है जिससे फसल का उत्पादन लगभग 101-103 मिलियन टन होगी।
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