पाकिस्तान में राजनीतिक पर्यवेक्षकों और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों ने 'तोशखाना' मामले में इमरान खान की गिरफ्तारी की आलोचना की है, उन्होंने उनके खिलाफ "राजनीति से प्रेरित" आरोपों को लेकर चिंता व्यक्त की है।
एक विश्लेषक परवेज़ सालिक ने Sputnik को बताया कि तोशखाना मामले में शनिवार को खान की गिरफ्तारी उन्हें इस साल के अंत में होने वाले चुनाव में फिर से चुने जाने से रोकने के लिए की गई है।
“स्पष्ट है कि यह [गिरफ़्तारी] उनको चुनाव लड़ने से रोकने के लिए राजनीति से प्रेरित है।"
उन्होंने पाकिस्तान में राजनीतिक व्यवस्था को "आमूलचूल" करने के साथ-साथ देश की शक्तिशाली सेना के नेतृत्व को बदलने का भी आह्वान किया, जिसने राजनीति में हमेशा प्रभावशाली भूमिका निभाई है।
सालिक ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो जैसे पूर्व पाकिस्तानी नेताओं की हत्याओं को लेकर कहा, "पाकिस्तान में यह पहली बार है कि किसी राजनेता को मारने या निर्वासित करने के बजाय सजा सुनाई गई है।"
पाकिस्तान के संविधान के एक प्रावधान के अनुसार, अदालत के निर्णय के बाद खान अब अगले पांच वर्षों तक सरकारी पद संभालने ले लिए अयोग्य हो गए हैं।
एक राजनीतिक पर्यवेक्षक डॉ. शाहिद रशीद ने दावा किया कि खान की गिरफ्तारी "सभी नियमों, विनियमों और नैतिकता का उल्लंघन करके उन्हें जेल में डालने और उनकी पार्टी को कुचलने" की एक योजना का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि इस योजना के पीछे "सत्ता परिवर्तन" के समर्थक थे, जो सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) है, जिस पर खान ने पिछले अप्रैल में बाइडन प्रशासन की सहायता से उन्हें हटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया था।
राशिद ने कहा, "दुर्भाग्य से, सर्वोच्च न्यायालय सहित अधिकांश अदालतें और न्यायाधीश सत्ता प्रतिष्ठान के दबाव में समझौता कर रहे हैं।"
पाकिस्तान की सेना के एक पूर्व थ्री-स्टार जनरल ने जोर देकर कहा कि खान की गिरफ्तारी अपेक्षित थी।
जनरल (सेवानिवृत्त) शाहिद जुल्फिकार ने कहा, "फैसला अपेक्षित था क्योंकि न्यायाधीश के पूर्वाग्रह की ओर इशारा किया गया था। एक अपील दायर की गई है, इसलिए हर कोई फिलहाल रुका हुआ है।"
भले ही खान ने अपने समर्थकों से उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध करते समय खुद को संयमित रखने का आह्वान किया है, मगर जब अदालत के आदेश पर पुलिस ने पूर्व प्रधानमंत्री को ले जाया गया, तब पाकिस्तान में तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं की बेचैनी बढ़ रही है।
"पाकिस्तान अघोषित मार्शल लॉ के अधीन है", पीटीआई के एक गुमनाम समर्थक ने कहा।
कोर्ट का आदेश क्या कहता है?
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, खान के खिलाफ फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश (एडीएसजे) हुमायूं दिलावर ने कहा कि पीटीआई अध्यक्ष के खिलाफ संपत्ति की गलत घोषणा के आरोप साबित हुए हैं।
अदालत के आदेश के हवाले से मीडिया ने बताया कि आरोपी (खान) ने 2018-2019 में और 2019-2020 में तोशाखाना से उपहारों के माध्यम से हासिल की गई संपत्तियों की झूठी घोषणा करके भ्रष्ट आचरण का अपराध किया है"।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अभी तक खान की गिरफ्तारी पर कोई टिप्पणी नहीं की है। साथ ही, पहले उन्होंने विदेशी नेताओं से प्राप्त उपहारों के बारे में विवरण का खुलासा न करने के लिए इमरान खान के लिए “चोर” और “झूठा” जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया।
खान का कहना है कि जज में उनके प्रति नापसंदगी है
खान ने दावा किया है कि दिलावर ने उनके प्रति "नापसंदगी" पाल रखी थी।
पीटीआई ने शुक्रवार को एक वीडियो जारी किया था जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री ने अपनी गिरफ्तारी की भविष्यवाणी की थी।
खान ने कहा कि दिलावर ने उन्हें निष्पक्ष सुनवाई से वंचित कर दिया है। खान के अनुसार, जज अदालत के सामने अपने गवाहों की बात सुनने से इनकार कर दिया और मनमाने तरीके से फैसला सुनाया।
खान ने कहा कि उनके पास पहले से ही ऊपरी अदालत में एक अपील लंबित है जिसमें उन्हें न्यायाधीश के सामने पेश होने से "अलग" करने का अनुरोध किया गया है।
पीटीआई प्रमुख ने वीडियो में यह भी खुलासा किया कि उन्होंने शुक्रवार को अदालत में 'तोशाखाना' मामले में सभी 35 सवालों के जवाब पहले ही दे दिए थे।