इससे पूर्व गुरुवार को चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल और प्रणोदन मॉड्यूल अलग हो गए थे। भारतीय स्पेस एजेंसी (इसरो) ने बताया कि विक्रम लैंडर ‘डिबूस्टिंग' ऑपरेशन के अंतर्गत आज दोपहर चंद्रमा के चारों ओर थोड़ी निचली कक्षा में प्रवेश करने के लिए अपनी गति से धीमा हो गया।
‘डिबूस्टिंग' की प्रक्रिया अंतरिक्ष यान को ऐसी कक्षा में स्थापित करने के लिए गति धीमा करने की एक प्रक्रिया है जहां चंद्रमा का निकटतम बिंदु (पेरिल्यून) 30 किमी है और सबसे दूर बिंदु (अपोल्यून) 100 किमी है।
बताया गया है कि दूसरा ‘डिबूस्टिंग' ऑपरेशन रविवार यानी 20 अगस्त को होने जा रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 23 अगस्त को लैंडर-रोवर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।