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Synergy ब्रिक्स देशों के निजी शैक्षिक संगठनों का संघ बना रहा है

दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स फोरम में सिनर्जी विश्वविद्यालय (Synergy University) ने ब्रिक्स के सदस्य देशों के निजी शैक्षिक संगठनों के एक संघ की स्थापना की घोषणा की। भारत, चीन, ब्राजील और अन्य देशों के 124 से अधिक भागीदार संगठनों को निमंत्रण भेजा जा चुका है।
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इस संघ का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न मुद्दों पर एक केन्द्रित दृष्टिकोण विकसित करना है। एसोसिएशन ब्रिक्स देशों में शैक्षिक संगठनों की शाखाएं खोलने, नेटवर्क कार्यक्रम और शैक्षणिक गतिशीलता को बढ़ावा देगा।

इस परियोजना के अंतर्गत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उपलब्धता बढ़ाने की उम्मीद है जिससे अर्थव्यवस्था के अभिनव विकास तथा समाज की आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा।

नया संघ भविष्य में ब्रिक्स यूनिवर्सिटी रैंकिंग लिस्ट बनाने की योजना भी रखता है। इसके लिए राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यक्रमों की अवधारणाओं को संयोजित किया जाएगा। विशेषतः रूसी कार्यक्रम 'प्राथमिकता-2030' की बात करें, जिसमें विश्वविद्यालयों की वैज्ञानिक और शैक्षिक क्षमता बढ़ाने का उद्देश्य सम्मिलित है।
साथ ही, ब्रिक्स नेटवर्क विश्वविद्यालय और ब्रिक्स विश्वविद्यालय लीग के कार्यक्रमों के अनुभव को भी ध्यान में रखा जाएगा।
रूस में विदेशी छात्रों की संख्या के मामले में सिनर्जी विश्वविद्यालय तीन नंबर पर है। अब विश्वविद्यालय में मिस्र, मोरक्को, ट्यूनीशिया, नाइजीरिया सहित 89 देशों से आए लगभग 7 हजार विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। 2023 में ही अफ्रीकी देशों के तीन सौ से अधिक विद्यार्थियों ने सिनर्जी विश्वविद्यालय में प्रवेश किया।

सिनर्जी फाउंडेशन के अध्यक्ष वादिम लोबोव ने कहा, “सिनर्जी विश्वविद्यालय भी अफ्रीकी भागीदारों के साथ सक्रिय रूप से शैक्षिक और आर्थिक संबंध बढ़ा रहा है। यह सब आने वाले वर्षों में हमारे शैक्षिक कार्यक्रमों में अफ्रीका से आए छात्रों की संख्या को बढ़ाना और अध्ययन के लिए नए क्षेत्रों को खोलना संभव बना देगा।”

बता दें कि पिछले सप्ताह हुए 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शिक्षा के क्षेत्र में रूस/सोवियत संघ और अफ्रीका के सहयोग के बारे में डारिया दा कॉन्सेइकाओ द्वारा फिल्माई गई एक डॉक्यूमेंट्री "BLACK TO USSR" प्रस्तुत की गई थी। सिनर्जी ने इस फिल्म के वितरण में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था। यह मोजाम्बिक और दक्षिण अफ्रीका के छात्रों के बारे में बताती है जिन्होंने सोवियत संघ और रूस में पढ़ाई की। इसे विभिन्न समारोहों में कई पुरस्कार मिले।
अफ्रीकी देशों के अलावा सिनर्जी ब्रिक्स के दूसरे सदस्य देशों के साथ भी सहयोग को प्रगाढ़ करना चाहता है। इस प्रकार, चीन में एक भागीदार विश्वविद्यालय के साथ एक डबल डिग्री प्रोग्राम विकसित और कार्यान्वित किया जा चुका है, इस वर्ष सिनर्जी चीन में अपना प्रतिनिधि कार्यालय खोलेगी। भारत में भी प्रतिनिधि कार्यालय खोलने की योजना बनाई गई है।
वहीं, भारत के बीएसएसएस इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीस (BSSS-IAS) के अंतरराष्ट्रीय विभाग के निदेशक प्रसिद्ध प्रोफेसर अमित कुमार नाग ने कहा, “BSSS-IAS में हमें यह जानकर खुशी हुई कि सिनर्जी विश्वविद्यालय ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में निजी शैक्षिक संगठनों के एक संघ की स्थापना की पहल की।"

अमित कुमार नाग ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, “निस्संदेह, हम इस पहल का समर्थन करते हैं। हमारा दृढ़ विश्वास है कि यह विद्यार्थियों और प्राध्यापकों को (…) विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक नया मंच प्रदान करेगा। (…) भारत के लिए रूस के साथ शैक्षिक संबंधों में यह एक नया चरण है।"

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