भारत ने संयुक्त राज्य अमेरिका से स्वीकृत रूसी हीरा प्रमुख अलरोसा के साथ कथित व्यापार संबंधों के कारण जब्त की गई कम से कम दो भारतीय हीरा कंपनियों के 26 मिलियन डॉलर जारी करने के लिए कहा है, सूत्रों के हवाले से मीडिया ने रिपोर्ट किया।
सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि प्रतिबंधों की देखरेख करने वाली अमेरिकी ट्रेजरी इकाई, विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) ने इस साल की शुरुआत में फंड को फ्रीज कर दिया।
दरअसल पिछले साल यूक्रेन में रूस के विशेष सैन्य अभियान के बाद रूसी संस्थाओं पर पश्चिमी प्रतिबंधों के बाद ओएफएसी द्वारा रोक किसी भी भारतीय व्यवसाय के खिलाफ पहला ज्ञात दंडात्मक उपाय है।
"सरकार ओएफएसी की कार्रवाई से अवगत है और उसने इस पर बातचीत शुरू कर दी है। समस्या अलरोसा के साथ व्यापार संबंधों के संदेह की थी," भारत सरकार के एक सूत्र के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया।
रिपोर्ट में कहा गया कि कार्रवाई से प्रभावित भारतीय कंपनियों ने सरकार को बताया है कि भुगतान या तो गैर-स्वीकृत रूसी संस्थाओं के लिए थे या पिछले साल अप्रैल में अलरोसा पर प्रतिबंध लागू होने से पहले पूरे किए गए ऑर्डर के लिए थे।
बता दें कि भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी हीरा प्रसंस्करण क्षमता है और 31 मार्च को समाप्त हुए पिछले वित्तीय वर्ष में 22 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के पॉलिश किए गए हीरे का निर्यात किया गया था। मुख्य रूप से पश्चिमी राज्य गुजरात में स्थित यह उद्योग संयुक्त अरब अमीरात, बेल्जियम और रूस जैसे देशों के आपूर्तिकर्ताओं से कच्चे हीरे खरीदता है।