व्यापार और अर्थव्यवस्था

वैश्विक जीडीपी में ब्रिक्स की हिस्सेदारी जनवरी 2024 से बढ़कर 30% हो जाएगी: SBI

अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब ने ब्रिक्स समूह का हिस्सा बनने की अपनी इच्छा जताई थी, जिसके बाद ब्रिक्स नेताओं ने उनको ब्रिक्स में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने का निश्चय किया। उनकी सदस्यता 1 जनवरी, 2024 से प्रभावी होगी।
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जनवरी 2024 से ब्रिक्स में नए सदस्य देशों को शामिल करने के बाद वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में ब्रिक्स की मौजूदा हिस्सेदारी 26% के मुकाबले बढ़कर 30% हो जाएगी, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के शोध विभाग की रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
पांच-सदस्यीय ब्रिक्स समूह में जनवरी से शामिल होने वाले छह नए सदस्यों की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की हिस्सेदारी 11 प्रतिशत होगी, जिसमें सऊदी अरब का योगदान सबसे अधिक 4 प्रतिशत होगा, भारतीय मीडिया ने SBI की रिपोर्ट के हवाले से कहा।
बैंक के अनुसार, वर्तमान में, ब्रिक्स की कुल जीडीपी में चीन का योगदान 70%, भारत - 13%, रूस - 8%, ब्राज़ील - 7%, दक्षिण अफ्रीका -2% तक पहुँच गया है। यह कुल मिलाकर वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 26 प्रतिशत है।
ब्रिक्स में छह नए देशों के शामिल होने से विश्व के तेल उत्पादन में संगठन की हिस्सेदारी पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा। गणना के अनुसार, यह वर्तमान में 18% से बढ़कर 40% हो रहा है। भारतीय स्टेट बैंक के अनुसार, इससे वैश्विक भुगतान प्रणाली और विश्व तेल की कीमतों की प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे।
ब्रिक्स सदस्य देशों की हिस्सेदारी में वृद्धि से वस्तुओं के विश्व व्यापार में उनकी हिस्सेदारी 20% से बढ़कर 25% हो जाएगी, व्यापार सेवाओं में उनकी हिस्सेदारी मौजूदा 12% से बढ़कर 15% हो जाएगी। वैश्विक विदेशी मुद्रा भंडार में ब्रिक्स की हिस्सेदारी बढ़कर 45% हो जाएगी।
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