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रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए 'प्रलय' बैलिस्टिक मिसाइल खरीद को दी मंजूरी

वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों के अनुसार, यह पहली बार है कि किसी बैलिस्टिक मिसाइल को पारंपरिक संचालन के लिए सेवाओं में शामिल किया जाएगा।
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रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए प्रलय सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलों की एक रेजिमेंट खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जो 150-500 किमी तक लक्ष्य पर हमला कर सकती है, रक्षा अधिकारियों के हवाले से भारतीय मीडिया ने कहा।

"यह भारतीय सेना के लिए एक बड़ा निर्णय है क्योंकि प्रलय बैलिस्टिक मिसाइलों की एक रेजिमेंट हासिल करने के प्रस्ताव को हाल ही में रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में मंजूरी दे दी गई है, जो 150-500 किलोमीटर के बीच लक्ष्य को मार सकती है," रक्षा अधिकारियों ने कहा।

साथ ही रक्षा अधिकारी ने कहा, "सेना इन मिसाइलों को पारंपरिक हथियारों के साथ तैनात करेगी और सामरिक भूमिकाओं में उनका उपयोग करेगी। इन मिसाइलों को खरीदने का निर्णय सरकार द्वारा भारतीय वायु सेना के लिए इसी तरह के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद आया है।"

"रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित मिसाइलों को और विकसित किया जा रहा है और अगर सेनाएं चाहें तो इसकी सीमा को काफी बढ़ाया जा सकता है," सूत्रों के हवाले से भारतीय मीडिया ने कहा।

गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में लगातार दो दिनों में मिसाइल का दो बार सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था, और सेनाएं तब से इसके अधिग्रहण और सेवा में शामिल करने की दिशा में काम कर रही हैं।
दरअसल 'प्रलय' सतह से सतह पर मार करने वाली अर्ध-बैलिस्टिक मिसाइल है। इस उन्नत मिसाइल को इंटरसेप्टर मिसाइलों को हराने में सक्षम बनाने के लिए विकसित किया गया है। यह हवा में एक निश्चित सीमा तय करने के बाद अपना रास्ता बदलने की क्षमता रखता है।
बता दें कि ठोस-प्रणोदक रॉकेट मोटर और अन्य नवीन प्रौद्योगिकियों द्वारा संचालित प्रलय मिसाइलों से भारतीय सेना की आक्रामक क्षमताओं को पर्याप्त बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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