G-4 देशों के मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र से इतर मुलाकात की और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार पर जोर दिया है।
दरअसल G-4 के जिन नेताओं ने आपस में मुलाकात की, उनमें भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा, ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा, जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक, जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा शामिल हैं।
"संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता को स्पष्ट रूप से स्वीकार करने वाले सदस्य देशों की रिकॉर्ड संख्या को ध्यान में रखते हुए, मंत्रियों ने इस महत्वपूर्ण और जरूरी मुद्दे पर चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए नई गति पर जोर दिया," संयुक्त बयान में कहा गया।
इसके अलावा, G-4 मंत्रियों ने UNSC में प्रतिनिधित्व के संबंध में सुरक्षा परिषद में विकासशील देशों की भूमिका और भागीदारी बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की। उन्होंने वैश्विक निकाय में मध्य अफ्रीकी स्थिति (CAP), लैटिन अमेरिका और कैरेबियन देशों के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया।
"मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि अंतर्राष्ट्रीय शासन संरचनाओं का भविष्य अनुकूलन करने और उद्देश्य के लिए उपयुक्त बने रहने की उनकी क्षमता पर निर्भर है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार करने में जितना अधिक समय लगेगा, इसकी प्रभावशीलता पर उतना ही अधिक प्रश्न उठाए जाएंगे," बयान में कहा गया।
मंत्रियों ने अंतर सरकारी वार्ता ढांचे (IGN) में सुरक्षा परिषद में सुधार पर सार्थक प्रगति की लगातार अनुपस्थिति पर भी गहरी चिंता व्यक्त की। देशों ने सुरक्षा परिषद सुधार पर निर्णायक प्रगति और ठोस परिणामों के लिए 2024 में भविष्य के शिखर सम्मेलन और 2025 में संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ जैसे आगामी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के महत्व पर भी जोर दिया।
बता दें कि भारत, ब्राजील, जर्मनी, जापान को मिलाकर G-4 समूह का गठन 2005 में सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए उनकी संबंधित बोलियों की वकालत करने के लिए किया गया था। भारत सहित सभी सदस्यों का तर्क है कि UNCS में उनकी स्थायी सदस्यता संयुक्त राष्ट्र के गठन के बाद से वैश्विक परिदृश्य में हुए बदलावों को प्रतिबिंबित करेगी और यह वैश्विक निकाय को अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण और प्रभावी बनाएगी।