यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

वित्तीय सहायता तो दूर, पश्चिम के पास यूक्रेन के लिए हथियार भी समाप्त हो रहे हैं: विशेषज्ञ

नाटो के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने भी यह स्वीकार किया कि सैन्य गठबंधन के पास यूक्रेन को देने के लिए कुछ भी नहीं बचा है। अमेरिकी नौसैनिक (सेवानिवृत्त), राजनीतिक विशेषज्ञ ब्रायन बर्लेटिक ने कहा कि अमेरिकी बजट पर लड़ाई ने बस पश्चिम की विफलता को छुपाया है।
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ब्रायन बर्लेटिक ने अपना विचार सामने रखा है कि वाशिंगटन में यूक्रेन को सैन्य सहायता से संबंधित विवाद इस तथ्य को छिपा रहा है कि नाटो के पास यूक्रेन को भेजने के लिए हथियार समाप्त हो गए हैं।
नाटो की सैन्य समिति के प्रमुख एडमिरल रॉब बाउर ने इस सप्ताह वारसॉ सुरक्षा फोरम में सैन्य भंडार की कमी को स्वीकार करते हुए कहा कि कीव शासन को हथियार वितरित करने के 18 महीने के बाद "बैरल की तलहटी दिखाई देने लगी है"। उन्होंने रक्षा उद्योग से उत्पादन को तेज गति से बढ़ाने का आह्वान किया।
ब्रायन बर्लेटिक ने Sputnik को बताया कि यूक्रेन के लिए फंडिंग को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन के मध्य अमेरिकी कांग्रेस में टकराव कोई समक्या नहीं था।

बर्लेटिक ने कहा, "अमेरिका के पास हवा से छपा हुआ बहुत सारा पैसा है। मुझे नहीं लगता कि यह वास्तव में समस्या है (…) यूक्रेन के लिए समर्थन में मुख्य समस्या हथियार और गोला-बारूद है – ये बस नहीं रहे। और इसका उत्पादन बढ़ाने का कोई संभावित तरीका नहीं है।"

विशेषज्ञ ने अमेरिकी कांग्रेस के स्पीकर केविन मैक्कार्थी के पद से हटने को लेकर कहा कि यह "इस संघर्ष से बाहर निकलने का एक मार्ग है जिसमें अमेरिकियों ने स्वयं को फंसा लिया है।"

बर्लेटिक ने कहा, "बहुत से रिपब्लिकन यूक्रेन के लिए वित्तीय सहायता रोकने का प्रयास कर रहे हैं, उनकी समझ में आता है कि यह फंडिंग निराशाजनक बात है और वे जितनी शीघ्र हो सके चीन की ओर मुड़ना और प्रशांत क्षेत्र में इसी प्रकार का संघर्ष उत्पन्न करना चाहते हैं"।

पूर्व अमेरिकी सैनिक ने यूक्रेन को हथियारों से लैस करने के लिए अपने शस्त्रागारों को खाली करने के पश्चिम के औचित्य में विरोधाभास पर प्रकाश डाला - इस बहाने कि रूस नाटो का पालन करने वाले देश पर नियंत्रण करना चाहता है।
विशेषज्ञ ने इस बात पर बल देकर कहा कि रूस विशेष सैन्य अभियान तब ही रोकेगा, जब इसके यूक्रेन के गैर-फ़ौजीकारण और गैर-नाजीकारण के उद्देश्य पूरी तरह हासिल किए जाएंगे।

बर्लेटिक ने कहा, "दरअसल मास्को का उद्देश्य इस संकट को दूर करना है जो अमेरिका सहित अन्य नाटो के सदस्य देशों ने रूसी सीमा पर उत्पन्न कर दिया”। उन्होंने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, “यही कारण है कि उन्होंने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इस गंभीर संकट को दूर करने की मंशा से विशेष सैन्य अभियान आरंभ किया”।

साथ ही विशेषज्ञ ने कहा, “लेकिन रूस के विरुद्ध अपने छद्म-युद्ध को जारी रखने के लिए नाटो के पास "गोलियाँ, हथियार और गोला-बारूद समाप्त हो रहे हैं"।
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