यह टिप्पणी सामरिक विषयों के विशेषज्ञ अमीन हेतेयट ने शुक्रवार (13 अक्तूबर) को Sputnik Arabic रेडियो पर इज़राइल-हमास के बीच जारी संघर्ष पर बात करते हुए की।
हेतेयट ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि इज़राइल ने लेबनान और गाजा में फॉस्फोरस बमों का प्रयोग किया है। यह सब फोटो और वीडियो सामग्री द्वारा रिकॉर्ड किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों और बुनियादी सुविधाओं को अधिकतम क्षति पहुंचाना है"।
विशेषज्ञ के अनुसार, इसके परिणाम तात्कालिक और दीर्घकालिक दोनों हो सकते हैं। उन्होंने समझाया, “सफेद फास्फोरस आग का कारण बनता है, जिसे बुझाने के बाद भी विषैले पदार्थ बचे रहते हैं और लंबे समय तक मिट्टी में विष घोलते रहते हैं”।
बता दें कि कई विशेषज्ञ और संगठन फॉस्फोरस बमों को सामूहिक विनाश के हथियार के रूप में मानते हैं।
हेतेयट ने आगे कहा कि तेल अवीव को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निंदा से भय नहीं है, क्योंकि “वाशिंगटन इज़राइली अधिकारियों के अपराधों को छिपाने की पूरा प्रयास कर रहा है”। इसके अतिरिक्त, इज़राइल अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) के अधिकार क्षेत्र तथा जैविक और विषाक्त हथियार सम्मेलन (बीटीडब्ल्यूसी) सहित कई अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल को अस्वीकार करता है।
विशेषज्ञ ने कहा, “तेल अवीव ऐसा व्यवहार करता है जैसे वह सभी कानूनों से ऊपर हो। इज़राइल के विरुद्ध किसी भी अभियोजन के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्णय की आवश्यकता होती है, जिसमें उसके मुख्य सहयोगी अमेरिका के पास वीटो शक्ति है”।
हेतेयट ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, “कुछ रिपोर्टों के अनुसार इज़राइल गाजा पट्टी के कई आवासीय क्षेत्रों में ह्रासित (डिप्लीटेड) यूरेनियम से लैस गोला-बारूद, वैक्यूम बम और अन्य उच्च स्तर के हथियारों का भी प्रयोग कर रहा है, जिससे विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं”।
आपको स्मरण करा दें कि आज यानी 13 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने इज़राइल पर गाजा और लेबनान में अपने सैन्य अभियानों में सफेद फॉस्फोरस बम गिराने का आरोप लगाया है और कहा कि गाजा के घनी आबादी वाले क्षेत्रों में सफेद फास्फोरस का प्रयोग अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन करता है। परंतु इज़राइल ने सफेद फॉस्फोरस युक्त हथियारों के उपयोग की जानकारी को अस्वीकार कर दिया है।
10 अक्तूबर को फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने इज़राइली सेना द्वारा सफेद फास्फोरस हथियारों के उपयोग की घोषणा की थी। वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव के आधिकारिक प्रतिनिधि स्टीफन डुजारिक ने कहा कि अभी तक संयुक्त राष्ट्र इस जानकारी की पुष्टि नहीं कर सकता।