गाजा पट्टी के निवासी अहमद मोहम्मद ने Sputnik के साथ बात करते हुए बताया कि क्षेत्र में फिलिस्तीनियों को आम आवश्यकताओं की वस्तुओं की भी कमी का सामना करना पड़ रहा है।
अहमद ने कहा, “गाजा में पानी और बिजली पूरी तरह से काट दी गई है, हम उन दुकानों से मीठा पानी खरीदते हैं जो अभी तक खुली रहती हैं। पीने के स्वच्छ पानी की कमी होती जा रही है। बिजली उपलब्ध नहीं है”।
अहमद ने आगे कहा, “बहुतों को यह भी पता नहीं है कि उन्हें गाजा से निकलने की आवश्यकता है, क्योंकि सभी क्षेत्रों में सूचना पत्र फैलाए नहीं जाते। इंटरनेट या बिजली के बिना गाजा के कई नागरिकों को यह जानकारी नहीं है कि कहां से और कैसे प्राप्त करना है"।
साथ ही कई लोगों के पास जाने के लिए कोई स्थान नहीं है। अहमद के अनुसार गाजा पट्टी में रहने वाले 25 लाख लोग इतने कम समय में अपना घर नहीं छोड़ सकते, अपने बीमार रिश्तेदारों और बुजुर्गों को नहीं छोड़ सकते। आगे क्या होगा, ये कोई नहीं जानता"।
वहीं, गाजा पट्टी की निवासी हिकमत अल-मिस्री ने गाजा के अस्पतालों में भयावह स्थिति के बारे में बात की।
उन्होंने कहा, "’अल-उरदुनी’ अस्पताल अपने सभी उपकरणों के साथ गाजा पट्टी छोड़ने वाला है, हालांकि यहां इसकी बहुत आवश्यकता है। ‘बेत हानून’ और ‘अल दुर्रा’ अस्पतालों ने संचालन बंद कर दिया है। हाल ही में ‘अल-औदा’ अस्पताल को चेतावनी आ गई कि इस पर भी बमबारी की जाएगी। ‘अल-शिफा’ सेंट्रल अस्पताल का संचालन जारी है, लेकिन यह घायलों से इतना खचाखच भर गया है कि लोगों को फर्श पर लिटाया जा रहा है"।
Sputnik ने पूछा कि उन्हें मानवीय सहायता मिल रही है?
महिला ने जवाब दिया, "हम भूखे मर जायेंगे, लेकिन हम टूटेंगे नहीं।"