इस्लामाबाद ने पाकिस्तान में अवैध रूप से रह रहे अफगानों को 1 नवंबर तक स्वेच्छा से छोड़ने का समय दिया, नहीं तो उनको निर्वासित किया जाएगा।
"इन केंद्रों को 'होल्डिंग सेंटर' नाम दिया गया है। वहां अवैध अप्रवासियों को रखा जाएगा," कार्यवाहक आंतरिक मंत्री सरफराज बुगती ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा।
इसके अतिरिक्त बुगती ने कहा, "उन्हें चिकित्सा सुविधाएं और भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के साथ विशेष सम्मान किया जाएगा। लेकिन साथ ही, 1 नवंबर के बाद हम अवैध अप्रवासियों पर कोई समझौता नहीं करेंगे।"
आंतरिक मंत्री ने चेतावनी दी कि बिना दस्तावेज वाले अफगानों को आश्रय देने वाले पाकिस्तानियों से "कड़ाई से निपटा जाएगा" और फर्जी दस्तावेजों वाले अफगानों को "दंडित" किया जाएगा।
इस बीच खैबर पख्तूनख्वा सरकार के प्रवक्ता फिरोज जमाल ने कहा कि समय सीमा तक अफगानिस्तान की सीमा से लगे प्रांत में तीन केंद्र तैयार हो जाएंगे।
दरअसल यह आदेश तब आया है जब पाकिस्तान आक्रमणों में वृद्धि से जूझ रहा है। सरकार इसका आरोप अफगानिस्तान से सक्रिय आतंकवादियों पर लगा रही है, हालांकि काबुल नियमित रूप से इस आरोप से इनकार करता है।
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 1.3 मिलियन पंजीकृत शरणार्थी हैं और 880,000 से अधिक लोगों को पाकिस्तान में रहने की कानूनी स्थिति प्राप्त है। पाकिस्तानी सरकार का कहना है कि 1.7 मिलियन अफगानी अवैध रूप से पाकिस्तान में हैं।