"यदि विपक्ष इन पांच राज्यों के चुनाव में बहुत अच्छा कर जाता है तो उसका प्रभाव तो अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर तो पड़ेगा। उसका कारण है कि मनोबल और उत्साह बढ़ जाता है। वे नये उत्साह के साथ नए सिरे से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। लेकिन सिर्फ इसी का प्रभाव पड़ेगा ऐसा नहीं है क्योंकि लोकसभा का चुनाव दूसरे मुद्दों पर लड़ा जाता है। उदाहरण के तौर पर कई राज्यों के परिणाम है जब राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी जीती लेकिन ठीक छह महीने बाद लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत का परचम लहरा दिया," वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अर्जुन देशप्रेमी ने Sputnik India को बताया।
"लोकसभा के चुनाव में प्रधान मंत्री के रूप में कौन से चेहरे सही होंगे उस हिसाब से वोटर तय करते हैं कि किसे वोट देना सही होगा। जो वर्तमान स्थिति है उसमें केंद्रीय नेतृत्व के लिए नरेंद्र मोदी के आस-पास कोई चेहरा नहीं है। इसलिए ऐसा नहीं लगता कि राज्यों के चुनाव का बहुत ज्यादा प्रभाव लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा। क्योंकि पिछले समय में जो चुनाव होते रहे हैं उनसे भी यह बातें स्थापित होती हैं," देशप्रेमी ने Sputnik India से कहा।