दरअसल 2 नवंबर को मुंबई में 302 रनों की हार के बाद, सार्वजनिक आक्रोश और शम्मी सिल्वा के नेतृत्व वाले क्रिकेट बोर्ड प्रशासन के इस्तीफे की मांग चरम पर पहुंच गई थी।
इन मांगों के समर्थन में, बोर्ड परिसर के बाहर कई प्रदर्शन किए गए, जिनमें सिल्वा प्रशासन से पद छोड़ने का आग्रह किया गया। तनाव इस हद तक बढ़ गया कि इमारत की सुरक्षा के लिए दंगा पुलिस को तैनात किया गया।
इस बीच खेल मंत्री रणसिंघे ने पूर्व विश्व कप विजेता कप्तान अर्जुन रणतुंगा की अध्यक्षता में एक अंतरिम सात सदस्यीय समिति नियुक्त करके त्वरित कार्रवाई की। इस समिति ने रणतुंगा को द्वीप देश के क्रिकेट बोर्ड का अंतरिम अध्यक्ष माना है। उन्होंने इससे पहले साल 2008 में इसी तरह की अंतरिम समिति का नेतृत्व किया था।
गौरतलब है कि श्रीलंका इस समय सात मैचों में चार अंक हासिल करके तालिका में सातवें स्थान पर है। उनके खाते में दो जीत और पांच हार शामिल हैं। श्रीलंका को प्रतिष्ठित चौथे स्थान पर स्थान सुरक्षित करने के लिए न केवल अपने शेष दो मैच जीतने होंगे, बल्कि उन्हें अन्य खेलों के अनुकूल परिणामों की भी आवश्यकता होगी।