भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में हजारों छात्र रोशनी के त्योहार दिवाली की पूर्व संध्या पर 'दीये' (मिट्टी के दीपक) के सहारे विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
अयोध्या जिला अधिकारियों के सहयोग से राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किए जाने वाले मेगा कार्यक्रम में 19 कॉलेजों के लगभग 25,000 छात्र सम्मिलित होंगे।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रतिभा गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि सभी दीपक गुरुवार तक रख दिए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की एक टीम निरीक्षण करेगी और अंततः 11 नवंबर (शनिवार) को दीपक जलाए जाएंगे।
बता दें कि पिछले साल अयोध्या में आयोजित 'दीपोत्सव' कार्यक्रम के दौरान लगभग 15 लाख दीपक जलाए गए थे, और इसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था।
इस वर्ष तीन दिवसीय विशेष कार्यक्रम अयोध्या में 10-13 नवंबर के मध्य होने वाला है।
दिवाली के दिन (रविवार) को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीपोत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित होने और सायंकाल की दिवाली आरती (विशेष प्रार्थना) में भाग लेने वाले हैं। उनके साथ उत्तर प्रदेश के कई अन्य मंत्री और सैकड़ों-हजारों श्रद्धालु सम्मिलित होंगे।
स्थानीय अधिकारियों ने घोषणा की है कि इस वर्ष राम की पैड़ी पर एक भव्य लाइट एंड साउंड शो भी आयोजित किया जाएगा। यह अगले पांच साल तक चलता रहेगा। एक विशाल डिजिटल स्क्रीन, जो कथित स्तर पर "देश की सबसे बड़ी" है, अयोध्या और उत्तर प्रदेश के इतिहास को भी प्रदर्शित करेगी।
हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार, दीवाली 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम की अपने राज्य अयोध्या में वापसी के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला प्रसिद्ध 'रोशनी का त्योहार' है।
हिंदू पौराणिक कथाओं में यह माना जाता है कि राम, राक्षस राजा रावण को पराजित करने के उपरांत अपने राज्य अयोध्या लौटे थे और अयोध्या के लोगों ने दीये जलाकर और अपने घरों को रंगोलियों से सजाकर भगवान राम का स्वागत किया।