पाकिस्तानी शिक्षिका रिफत आरिफ उर्फ सिस्टर जेफ ने गुजरांवाला में अपने घर के आंगन में वंचित बच्चों के लिए स्कूल बनाया। मीडिया के अनुसार, उन्हें ग्लोबल टीचर प्राइज़ 2023 से सम्मानित किया गया है।
इस पुरस्कार का आयोजन वर्की फाउंडेशन यूनेस्को और संयुक्त अरब अमीरात के वैश्विक परोपकारी संगठन 'दुबई केयर्स' की साझेदारी में करता है।
बयान में कहा गया, "हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पाकिस्तान में पंजाब के गुजरांवाला में अंग्रेजी, उर्दू, संस्कृति, अंतर-धार्मिक सद्भाव, जलवायु परिवर्तन की शिक्षिका सिस्टर जेफ को वर्की फाउंडेशन ग्लोबल टीचर प्राइज 2023 का विजेता नामित किया गया है।"
जानकारी के अनुसार, जेफ सिर्फ 13 साल की थीं, जब उनके मन में ऐसे छात्रों के लिए एक स्कूल खोलने का विचार आया, जिनके माता-पिता उनकी फीस देने में सक्षम नहीं थे। जेफ का नाम विश्व भर के 130 देशों से मिले 7,000 से अधिक नामांकन और आवेदनों में से चुना गया है।
पुरस्कार वितरण समारोह पेरिस में यूनेस्को के महासम्मेलन में आयोजित किया गया। जेफ को प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलने पर यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अज़ोले ने उन्हें बधाई दी।
अज़ोले ने सोशल नेटवर्क ‘एक्स’ पर लिखा, “हम सब उस शिक्षक को स्मरण करते हैं जिसने हमारे जीवन पर प्रभाव डाला और हमारा भविष्य परिवर्तित कर दिया। यह एक घिसे-पिटे वाक्य जैसा लग सकता है परंतु यह सत्य है- शिक्षक जीवन-परिवर्तक होते हैं। 2023 वैश्विक शिक्षक पुरस्कार विजेता, पाकिस्तान की सिस्टर जेफ को बधाई। जीवन-परिवर्तक के रूप में उनकी प्रतिबद्धता के लिए उन्हें धन्यवाद!”
रिपोर्टों के अनुसार, जेफ ने स्कूल को फंड देने के लिए कड़ी मेहनत की। वे अपने काम के बाद छात्रों को पढ़ाती थीं और फिर स्व-अध्ययन के लिए रात में जागती थीं।
26 वर्षों के बाद उनका स्कूल एक बिल्कुल नई इमारत में स्थित है और 200 से अधिक वंचित बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वे 10 एकड़ जमीन पर एक और स्कूल बनाने की योजना बना रही हैं, जहां देश के सबसे गरीब परिवारों के बच्चों को बिना किसी भेदभाव के शिक्षा दी जा सके।