सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस अवसर पर कहा है कि फिलिस्तीनी लोगों को वैध अधिकार प्रदान करना क्षेत्र में शांति हासिल करने का एकमात्र तरीका है।
उन्होंने कहा, "हमें विश्वास है कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा हासिल करने का एकमात्र तरीका फिलिस्तीनी लोगों को वैध अधिकार प्रदान करना है।"
उन्होंने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि क्षेत्र में सुरक्षा स्थापित करने की शर्तें इज़राइली कब्जे की समाप्ति, फिलिस्तीनी क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों और गाजा पट्टी पर नाकाबंदी को हटाना बनी हुई हैं।
अमेरिका संघर्ष के समाधान की कमी के लिए जिम्मेदार
फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने सम्मेलन में बोलते हुए अमेरिका से फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर "इज़राइली कब्जे" को समाप्त करने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने कुछ और बातें कहीं जैसे:
अमेरिका मध्य पूर्व संघर्ष के राजनीतिक समाधान की कमी के लिए जिम्मेदार है।
इज़राइली बलों की गतिविधियों से गाजा पट्टी में 40,000 से अधिक नागरिक या तो मारे गए, या घायल हुए।
फिलिस्तीन गाजा पट्टी या पश्चिमी तट से अपने लोगों को हटाने के किसी भी प्रयास को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करता है।
फिलिस्तीनी प्रशासन यरुशलम सहित सभी फिलिस्तीनी क्षेत्रों में राष्ट्रपति चुनाव और आम चुनाव कराने के लिए तैयार है।
उन्होंने सुरक्षा परिषद से फ़िलिस्तीन राज्य की पूर्ण सदस्यता को मंजूरी देने का आह्वान किया।
फ़िलिस्तीन की मांग है कि अंतरराष्ट्रीय गारंटी के अनुपालन में शरणार्थी समस्या का समाधान किया जाए।
तत्काल युद्ध विराम का आह्वान
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने भी तत्काल और बिना शर्त के युद्ध विराम और फिलिस्तीनियों का उनकी भूमि से विस्थापन रोकने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि संघर्ष का समाधान दो-राज्य सिद्धांत के आधार पर हो सकता है, जिसके अंतर्गत 1967 की सीमाओं पर एक फ़िलिस्तीनी राज्य का निर्माण किया जाना है।
इसके अलावा, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने कहा कि गाजा पट्टी में महत्वपूर्ण स्थानों, विशेषकर अस्पतालों में ईंधन उपलब्ध कराना आवश्यक है।
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह इज़राइल को हत्या और रक्तपात जारी रखने का मौका दे रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका वास्तव में इज़राइल के पक्ष में युद्ध में उतरा है। इसके साथ उन्होंने मुस्लिम देशों से फिलिस्तीनियों को हथियार देने का आह्वान किया।