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त्योहारों के महीने में 2 लाख करोड़ GST प्राप्त होने का अनुमान: अर्थशास्त्री

भारत में त्योहारी सीजन शुरू हो गया है और लोगों का बाजार में पैसे खर्च करने का सिलसिला बढ़ रहा है। देश भर में उपभोक्ता कारों, स्मार्टफोन और टीवी जैसे अन्य सामानों पर पैसा खर्च कर रहे हैं, जिससे विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की आशा है।
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देश में यह त्योहार मात्र लोगों के लिए नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था के लिए भी बहुत सहायक है। यह वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखता है, जिसका प्रभाव विश्व भर की अर्थव्यवस्था पर भी देखा जा सकता है।
रोशनी और चमक वाले त्योहार के इस सीजन में सभी खुदरा विक्रेता अपने अपने स्तर पर उपभोक्ताओं के लिए भी छूट और नई नई वित्तीय पेशकशों की सौगात रखते हैं जिससे लोग अधिक से अधिक संख्या में आकर उनके उत्पाद को खरीदें।
भारत का त्यौहारी मौसम सीमाओं से परे है, इस अवधि के दौरान भारत में उपभोक्ता विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल फोन, F&B और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में बड़ी सख्या में खरीदारी करते हैं। खुदरा बाजार में बिक्री बढ़ने से भारत 5वें सबसे बड़े खुदरा बाजार के रूप में अपनी स्थिति और प्रबल कर सकता है।
Sputnik India ने भारत के जाने माने अर्थशास्त्री आकाश जिंदल से बात की जिहोंने बताया कि भारत एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है जो बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है, और इस त्योहारों के मौसम में सरकार को बड़ी मात्रा में GST प्राप्त होगा।

"भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है। इस त्योहारी सीजन में कॉर्पोरेट और लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं। दिवाली भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा प्रोत्साहन सिद्ध होगी। मुझे इस महीने 2 लाख करोड़ का GST कलेक्शन होने की आशा है। मुख्य क्षेत्र ऑटोमोबाइल बढ़ने वाला है क्योंकि इस त्योहारी सीजन में लोग नए वाहन खरीदते हैं। लोग इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल और कन्फेक्शनरी आइटम भी खरीदते हैं इसलिए इस मौसम में इन क्षेत्रों में भी वृद्धि होती है," आकाश जिंदल ने कहा।

People crowd a market area head of Diwali, the Hindu festival of lights, in Jammu, India, Friday, Nov. 10,2023. Diwali is one of Hinduism's most important festivals, dedicated to the worship of the goddess of wealth Lakshmi.
भारत में त्योहार के समय कॉर्पोरेट उपहार देने में एक उल्लेखनीय परिवर्तन आया है। यह अब तेजी से डिजिटल की ओर स्थानांतरित हो रही है। त्योहारी अवधि के दौरान घरेलू निर्माताओं के व्यवसाय पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर अर्थशास्त्री ने कहा कि भारत के विनिर्माण क्षेत्र में उछाल आने वाला है।

"घरेलू मैन्युफैक्चरिंग में भारी उछाल आने वाला है क्योंकि अगर लोग कार, बाइक या अन्य चीजें खरीदते हैं, तो इससे जुड़ने वाली अन्य घटकों पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि ये सभी एक-दूसरे से संबंधित हैं इसलिए यह बहुत अच्छा होगा," जिंदल ने कहा।

जैसे जैसे देश में डिजिटल क्रांति को बढ़ावा मिला है, लोगों ने सामान खरीदने के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों पर बहुत भरोसा जताया है। जिंदल ने अंत में बताया कि उपभोग और खरीदारी भारतीय अर्थव्यवस्था को चलाती है जो अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ा प्रोत्साहन है।
"ई-कॉमर्स कंपनियां अच्छा कारोबार कर रही हैं। ये कारोबार पूरे भारत में हैं और इस त्योहारी सीजन में लोग वेबसाइटों पर भी खरीदारी कर रहे हैं। इससे सकल घरेलू उत्पाद में GST संग्रह में वृद्धि होने के साथ साथ रोजगार सृजन भी होगा। हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी है और दिवाली जैसे त्यौहार से अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ा प्रोत्साहन होगा," अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने कहा।
भारतीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार त्योहारी बिक्री के पहले सप्ताह में अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट जैसे प्रमुख प्लेटफार्मों पर ऑनलाइन बिक्री पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 20% बढ़ गई है। अब त्योहारी सीजन में उपभोक्ता खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है, जिससे देश के विकास को गति प्राप्त हो रही है।
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