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भारत और श्रीलंका करेंगे पुणे में 14 दिवसीय संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू

भारत-श्रीलंका का `द्विपक्षीय संयुक्त अभ्यास "मित्र शक्ति-2023" आज गुरुवार को शुरू हो रहा है। इसका उद्देश्य आतंकवाद और उपद्रव विरोधी अभियानों में सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करना है।
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भारतीय सेना और श्रीलंकाई सेना के मध्य संयुक्त अभ्यास मित्र शक्ति का 9वां संस्करण आज पुणे स्थित औंध के विदेशी प्रशिक्षण नोड में शुरू हुआ।
ज्ञात हुआ है कि इसका उद्देश्य दोनों देशों के मध्य प्रबल सैन्य संबंधों को बढ़ावा देना, संचार में सुधार करना और आतंकवाद और उपद्रव विरोधी अभियानों में सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करना है। यह अभ्यास 14 दिनों के बाद 29 नवंबर को समाप्त होगा।

चूंकि दोनों देशों की सेनाएं दुनिया भर के अस्थिर क्षेत्रों में नियुक्त संयुक्त राष्ट्र शांति सेना का समर्थन करती हैं, इसलिए मित्र शक्ति अभ्यास संयुक्त राष्ट्र के नियमानुसार किया जाता है।

मित्र शक्ति का पिछला संस्करण अक्टूबर 2021 में श्रीलंका में आयोजित किया गया था। 7वीं वार्षिक रक्षा वार्ता फरवरी में नई दिल्ली में हुई थी, जिसके दौरान भारत और श्रीलंका के मध्य चल रहे रक्षा सहयोग की समीक्षा की गई थी।

भारतीय रक्षा सचिव गिरिधर अरमने और उनके श्रीलंकाई समकक्ष जनरल कमल गुणरत्ने ने दोनों देशों में हो रहे द्विपक्षीय सैन्य अभ्यासों की जटिलता को बढ़ाने पर सहमति बनाई और एक दूसरे के अनुभव और क्षमताओं को अधिकतम करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के नियमानुसार आतंकवाद और उपद्रव विरोधी अभियान चलाने के लिए सशस्त्र बलों के मध्य उच्च स्तर का तालमेल और अंतर-संचालन होना चाहिए।

उन्होंने कहा, अक्सर कठिन परिस्थितियों के कारण इस तरह के ऑपरेशनों को विदेशी टुकड़ियों के साथ मिलकर चलाने की आवश्यकता होती है। मित्र शक्ति अभ्यास सैनिकों को एक दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाएं को साझा करने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करता है तथा मानक संचालन प्रक्रिया बनाने व सहकारी अभियान चलाने में आत्मविश्वास बढ़ाने में बढ़ावा देता है।

पुणे में दक्षिणी कमान ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसने पुणे के औंध सैन्य स्टेशन में स्थित भारतीय सेना के विदेशी प्रशिक्षण नोड को एक पसंदीदा स्थान बना दिया है।
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