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रक्षा क्षेत्र में और निकट होंगे रूस और भारत, एक साथ करेंगे टैंकों और सैन्य वाहनों का उत्पादन
रक्षा क्षेत्र में और निकट होंगे रूस और भारत, एक साथ करेंगे टैंकों और सैन्य वाहनों का उत्पादन
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भारत ने अपनी सेना को आधुनिक बनाने के लिए 10 अरब से अधिक अमेरिकी डॉलर की लागत से लगभग 2,600 लड़ाकू वाहन खरीदने की योजना बनाई है। भारतीय कंपनियां टेंडर में ठेकेदार होंगी।
2023-11-15T18:48+0530
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रूस की रक्षा कंपनी रोसटेक का सब्सिडियरी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट भारतीय सेना को हल्के टैंक और भविष्य के पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों की आपूर्ति के लिए भारतीय रक्षा मंत्रालय से एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रहा है। रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के महानिदेशक अलेक्जेंडर मिखेव ने दुबई एयर शो 2023 के मौके पर रूसी पत्रकारों को यह जानकारी दी।रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के प्रमुख ने इस बात पर बल दिया कि मास्को भारत की खुद के रक्षा उद्योग को विकसित करने और विनिर्माण क्षेत्र में तकनीकी संप्रभुता प्राप्त करने की इच्छा को पूरी तरह से समझता है।उन्होंने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि दोनों देश कई सफल हथियारों और विमानन प्रणालियों के संयुक्त विकास और सह-उत्पादन में शामिल रहे हैं, जिनमें एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान, टैंक, पैदल सेना के लड़ाकू वाहन और कलाश्निकोव एके-203 असॉल्ट राइफलें शामिल हैं।बता दें कि स्वीडिश थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) के अनुसार, रूस वर्तमान में भारत का सबसे बड़ा हथियारों का आपूर्तिकर्ता है और 2017-2022 के बीच नई दिल्ली के कुल सैन्य आयात में इसकी हिस्सेदारी लगभग 45 प्रतिशत थी।
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रूस की रक्षा कंपनी रोसटेक का सब्सिडियरी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट, भारतीय सेना, हल्के टैंक, भविष्य के पैदल सेना के लड़ाकू वाहन, लड़ाकू वाहनों की आपूर्ति, भारतीय रक्षा मंत्रालय, दुबई एयर शो 2023, भारतीय साझेदार, फ्यूचर इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स (एफआईसीवी), ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम, तकनीकी संप्रभुता, मास्को, हथियारों और विमानन प्रणालियों के संयुक्त विकास और सह-उत्पादन, एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान, कलाश्निकोव एके-203 असॉल्ट राइफल, स्वीडिश थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई), भारत का सबसे बड़ा हथियारों का आपूर्तिकर्ता, सैन्य आयात, विनिर्माण क्षेत्र में तकनीकी संप्रभुता
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रक्षा क्षेत्र में और निकट होंगे रूस और भारत, एक साथ करेंगे टैंकों और सैन्य वाहनों का उत्पादन
भारत ने अपनी सेना को आधुनिक बनाने के लिए 10 अरब से अधिक अमेरिकी डॉलर की लागत से लगभग 2,600 लड़ाकू वाहन खरीदने की योजना बनाई है। भारतीय कंपनियां टेंडर में ठेकेदार होंगी।
रूस की रक्षा कंपनी रोसटेक का सब्सिडियरी
रोसोबोरोनएक्सपोर्ट भारतीय सेना को हल्के टैंक और भविष्य के पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों की आपूर्ति के लिए
भारतीय रक्षा मंत्रालय से एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रहा है। रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के महानिदेशक अलेक्जेंडर मिखेव ने
दुबई एयर शो 2023 के मौके पर रूसी पत्रकारों को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, “हम भारतीय साझेदारों के साथ मिलकर फ्यूचर इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स (एफआईसीवी) परियोजना के तहत भारतीय रक्षा मंत्रालय की निविदा में एक हल्के टैंक और भविष्य के पैदल सेना के एक लड़ाकू वाहन को प्रस्तुत करने की योजना बना रहे हैं, जो ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम का पूरी तरह से अनुपालन करेगा।”
रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के प्रमुख ने इस बात पर बल दिया कि मास्को भारत की खुद के रक्षा उद्योग को विकसित करने और विनिर्माण क्षेत्र में तकनीकी संप्रभुता प्राप्त करने की इच्छा को पूरी तरह से समझता है।
मिखेव ने कहा, “मैं कह सकता हूं कि रोसोबोरोनेक्सपोर्ट ने 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के घोषित किए जाने से पहले इस कार्यक्रम की आवश्यकताओं के समान परिस्थितियों में भारतीय उद्यमों के साथ काम करना शुरू कर दिया था।”
उन्होंने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि दोनों देश कई सफल हथियारों और विमानन प्रणालियों के
संयुक्त विकास और सह-उत्पादन में शामिल रहे हैं, जिनमें
एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान, टैंक, पैदल सेना के लड़ाकू वाहन और कलाश्निकोव एके-203 असॉल्ट राइफलें शामिल हैं।
बता दें कि स्वीडिश थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) के अनुसार, रूस वर्तमान में भारत का सबसे बड़ा हथियारों का आपूर्तिकर्ता है और 2017-2022 के बीच नई दिल्ली के कुल सैन्य आयात में इसकी हिस्सेदारी लगभग 45 प्रतिशत थी।