पाकिस्तान से अफ़ग़ान नागरिकों की बढ़ती आमद के बीच तालिबान* ने चेतावनी दी कि सर्दियों की ठंड से उनके अस्तित्व के लिए नई समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।
तालिबान के वाणिज्य मंत्री हाजी नूरुद्दीन अज़ीज़ी ने काबुल में संवाददाताओं से कहा, "सर्दी आ रही है, और मुझे यकीन है कि प्रवासियों को कई समस्याएं हो रही हैं जिनमें दवा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, भोजन की समस्याएं और सर्दी और ठंडी की समस्याएं सम्मिलित हैं।"
पाकिस्तान ने पहली नवंबर से बिना वैध दस्तावेज़ों के रह रहे सभी अफगान नागरिकों को निर्वासित करने का फैसला लिया है। ज्ञात हुआ है कि 300,000 लोग पहले ही पाकिस्तान से निकाले गए हैं।
अपंजीकृत अफ़गानों पर पाकिस्तान की कार्रवाई उसकी सरकार के इस दावे के महीनों बाद हुई कि काबुल में तालिबान प्रशासन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी**) के ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने देश में कई आतंकवादी हमलों के लिए बार-बार टीटीपी को दोषी ठहराया है, जिनमें जनवरी में पेशावर मस्जिद पर आत्मघाती हमला भी शामिल है, जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए थे।
*तालिबान आतंकवादी गतिविधियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के अधीन है।
**रूस और भारत में एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन।