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एशियाई देशों के वीजा मुक्त यात्रा पहल से पश्चिमी देशों के पर्यटन पर पड़ेगा असर: विशेषज्ञ

भारत के आउटबाउंड पर्यटन बाजार में वृद्धि हो रही है और 2023 में 15.2 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, जो आगामी एक दशक तक 11.4% की प्रतिवर्ष की दर से बढ़ती रह सकती है।
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भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यूरोपीय और अरब देश वीजा मुक्त प्रवेश का ऐलान कर सकते हैं। भारतीय पर्यटन के विशेषज्ञ मानते हैं कि एशियाई देशों के वीजा मुक्त यात्रा के एलान का असर पश्चिमी देशों पर पड़ा है।

"भारत के पर्यटक को अपने तरफ खींचने के लिए बहुत सारे देश फ्री वीजा या आगमन पर वीजा उपलब्ध कराने की योजना बना रहे हैं। यूरोप के देशों में पर्यटकों की संख्या काफी कम हो गई है, ज्यादातर लोग साउथ एशिया के दुबई, मॉरीशस के साथ-साथ जहां वीजा आराम से मिल रहे हैं वहाँ जा रहे हैं। यूरोप के कुछ देशों ने यह देखा है कि उन्हें बहुत नुकसान हो रहा है, तो एशिया के देशों को देखते हुए उन्होंने भी कुछ वीजाों में ढील देना थोड़ा शुरू किया है," भारत सरकार के राष्ट्रीय पर्यटन सलाहकार परिषद के सदस्य सुभाष गोयल ने Sputnik India से कहा।

सिंगापुर पर्यटन बोर्ड के अनुसार, भारतीय पर्यटक वर्तमान में दुनिया में सबसे ज्यादा खर्च करते हैं। भारतीय टूरिस्ट्स का मलेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका, स्विट्ज़रलैंड, और लंदन में सबसे अधिक खर्च होता है।

पिछले कुछ हफ्तों में, थाईलैंड, श्रीलंका, और मलेशिया ने भारतीयों को वीजा मुक्त यात्रा का ऐलान किया है। फिलहाल 26 देशों ने भारतीयों के लिए वीजा-मुक्त यात्रा और 49 देशों के साथ आगमन-पर-वीजा पहुंच की अनुमति दी है।

"प्रत्येक देश भारतीय पर्यटक को अपने तरफ खींचना चाहता है, थाईलैंड में लगभग 1.5 मिलियन भारतीय पर्यटक हर साल जाता है। थाईलैंड ने फ्री वीजा सबसे पहले दिया था, हालांकि आगमन पर वीजा हमेशा देता रहा है। इसके बाद मलेशिया और श्रीलंका ने फ्री वीजा का प्रावधान किया," गोयल जोर देकर कहते हैं।

भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया भर में आज पाँचवें स्थान पर है, जो आने वाले सालों में तीसरे स्थान पर होने जा रहा है । पिछले कुछ वर्षों में श्रीलंका, मलेशिया और दुबई जैसे कई देश भारतीय पर्यटकों को लुभाने के लिए अलग-अलग तरह का समारोह करके उन्हें प्रोत्साहित कर रही है। भारतीय पर्यटकों की इस समय दुनिया में सबसे ज्यादा मांग है।
IPK International द्वारा प्रकाशित और ITB बर्लिन 2024 में प्रकाशित रिपोर्ट बताती है कि 2022 में भारत की आउटबाउंड यात्रा बाजार ने एशिया में चीन, दक्षिण कोरिया और जापान को पीछे छोड़ दिया। 2019 में भारत चीन, दक्षिण कोरिया, जापान और ताइवान के पीछे पाँचवें स्थान पर था।

"पर्यटक के जाने से वहां के लोकल लोगों को नौकरियां और व्यवसाय में बढ़ावा मिलता है। इस तरह से बहुत सारे देश अब भारत के पर्यटक को प्रभावित और अपनी तरफ आकर्षित करना चाहते हैं। मध्य पूर्व के देश, यूरोप के देश भी फ्री वीजा, ऑन अराइवल वीजा या ई-वीजा भारत के पर्यटकों के लिए जल्दी शुरू करेंगे," गोयल ने रेखांकित किया।

IPK रिपोर्ट के मुताबिक औसतन, भारतीय व्यक्ति विदेशी यात्राओं पर प्रति व्यक्ति 235 यूरो खर्च करते हैं। इसमें यातायात, आवास, खाद्य-पोषण और शॉपिंग जैसी सभी खर्च शामिल हैं।
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