"भारत के पर्यटक को अपने तरफ खींचने के लिए बहुत सारे देश फ्री वीजा या आगमन पर वीजा उपलब्ध कराने की योजना बना रहे हैं। यूरोप के देशों में पर्यटकों की संख्या काफी कम हो गई है, ज्यादातर लोग साउथ एशिया के दुबई, मॉरीशस के साथ-साथ जहां वीजा आराम से मिल रहे हैं वहाँ जा रहे हैं। यूरोप के कुछ देशों ने यह देखा है कि उन्हें बहुत नुकसान हो रहा है, तो एशिया के देशों को देखते हुए उन्होंने भी कुछ वीजाों में ढील देना थोड़ा शुरू किया है," भारत सरकार के राष्ट्रीय पर्यटन सलाहकार परिषद के सदस्य सुभाष गोयल ने Sputnik India से कहा।
पिछले कुछ हफ्तों में, थाईलैंड, श्रीलंका, और मलेशिया ने भारतीयों को वीजा मुक्त यात्रा का ऐलान किया है। फिलहाल 26 देशों ने भारतीयों के लिए वीजा-मुक्त यात्रा और 49 देशों के साथ आगमन-पर-वीजा पहुंच की अनुमति दी है।
"प्रत्येक देश भारतीय पर्यटक को अपने तरफ खींचना चाहता है, थाईलैंड में लगभग 1.5 मिलियन भारतीय पर्यटक हर साल जाता है। थाईलैंड ने फ्री वीजा सबसे पहले दिया था, हालांकि आगमन पर वीजा हमेशा देता रहा है। इसके बाद मलेशिया और श्रीलंका ने फ्री वीजा का प्रावधान किया," गोयल जोर देकर कहते हैं।
"पर्यटक के जाने से वहां के लोकल लोगों को नौकरियां और व्यवसाय में बढ़ावा मिलता है। इस तरह से बहुत सारे देश अब भारत के पर्यटक को प्रभावित और अपनी तरफ आकर्षित करना चाहते हैं। मध्य पूर्व के देश, यूरोप के देश भी फ्री वीजा, ऑन अराइवल वीजा या ई-वीजा भारत के पर्यटकों के लिए जल्दी शुरू करेंगे," गोयल ने रेखांकित किया।