दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल दूसरी बार प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन से बच जाएंगे, क्योंकि वह बुधवार को 10 दिवसीय विपश्यना ध्यान शिविर के लिए रवाना हो गए।
ED ने सोमवार को केजरीवाल को एक नया समन जारी किया था, जिसमें उन्हें दिल्ली शराब नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 दिसंबर को पूछताछ के लिए उन्हें उपस्थित होने के लिए कहा था।
AAP सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि केजरीवाल के विपश्यना सत्र की जानकारी पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में है और हर कोई जानता है कि वह नियमित रूप से इस ध्यान पाठ्यक्रम में भाग लेते हैं।
एजेंसी द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री को तलब करने के बाद AAP ने समय पर सवाल उठाते कहा था कि पार्टी के वकील नोटिस का अध्ययन कर रहे हैं और "कानूनी रूप से सही" कदम उठाए जाएंगे।
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि ED का नोटिस राजनीति से प्रेरित और गैरकानूनी है। पार्टी ने यह भी कहा है कि केजरीवाल जिस दिन पूछताछ के लिए उपस्थित होंगे, उसी दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
एजेंसी द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री को तलब करने के बाद AAP ने समय पर सवाल उठाते कहा था कि पार्टी के वकील नोटिस का अध्ययन कर रहे हैं और "कानूनी रूप से सही" कदम उठाए जाएंगे।
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि ED का नोटिस राजनीति से प्रेरित और गैरकानूनी है। पार्टी ने यह भी कहा है कि केजरीवाल जिस दिन पूछताछ के लिए उपस्थित होंगे, उसी दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
यह दूसरी बार है जब केजरीवाल ED के समन में शामिल नहीं हुए। इससे पहले ED ने उन्हें 2 नवंबर को पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा था, लेकिन वह मध्य प्रदेश में एक चुनावी रैली में भाग लेने के लिए उपस्थित नहीं हुए।
नियमों के मुताबिक कोई भी व्यक्ति तीन बार ED के समन को छोड़ सकता है, लेकिन उसके बाद एजेंसी उस व्यक्ति के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट प्राप्त कर सकती है।