भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। इसके साथ उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
कॉन्फ्रेंस के दौरान जयशंकर ने रूस द्वारा दुनिया में बहुध्रुवीय व्यवस्था के लिए किए जा रहे समर्थन के लिए सराहना करते हुए कहा कि रूस बहुध्रुवीय व्यवस्था का एक मजबूत सोर्स है।
"हम इस बात की बहुत सराहना करते हैं कि रूस आज बहुध्रुवीय व्यवस्था की एक मजबूत बैटरी है और कि यह अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हमारे पारस्परिक हित में हमारे द्वारा अपनाए जाने वाले कई चीजों का समर्थन करता है," भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा।
उन्होंने आगे विश्व के दुबारा संतुलन के बारे में बात करने पर भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत आज 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा हैं, और अगर यह इस साल 7.7% की दर से बढ़ रहा है, तो भविष्य में बेहतर विकास की संभावना है।
"हमें लगता है कि दुनिया वैसी नहीं है जैसी थी। राजनीति के साथ साथ वैश्विक व्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को बदलना होगा," भारत के विदेश मंत्री ने कहा।
इसके आगे विदेश मंत्री ने Sputnik द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि भारत और रूस के बीच के रिश्ते से दोनों देशों को फायदा हुआ है, इसके साथ रूस भारत का एक सबसे बड़ा भागीदार है।
"हमारे लिए रूस एक बहुत ही मूल्यवान और समय-परीक्षित भागीदार है। यह एक ऐसा रिश्ता है जिससे भारत और रूस दोनों को काफी फायदा हुआ है। मेरे द्वारा बताए गए सभी विकास, जिसमें हमारे बढ़ते व्यापार निवेश, हमारे सैन्य तकनीकी सहयोग, हमारी कनेक्टिविटी परियोजनाएं शामिल हैं। मुझे लगता है कि यह सब आपको वास्तव में उस महत्व और मूल्य की अच्छी समझ देगा जो हम रिश्ते को देते हैं," एस जयशंकर ने कहा।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे पर पूछे गए एक प्रशन के जवाब में कहा कि यह गलियारा न केवल भारत के हित में है बल्कि यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के हित में है और कि भारत चाहता ह कि यह गलियारा आगे बढ़े, और भारत निश्चित रूप से इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देगा।