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लक्षद्वीप थोड़े बदलावों के साथ मालदीव के बराबर आ सकता है: IATO अध्यक्ष राजीव मेहरा

Sputnik भारत ने लक्षद्वीप के पर्यटन के बारे में जानने की कोशिश की इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (IATO) के अध्यक्ष राजीव मेहरा से, जो पिछले 26 वर्षों से IATO के साथ जुड़े हुए हैं और वह खुद दुनिया के 30 से अधिक देश जा चुके हैं।
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लक्षद्वीप-मालदीव विवाद अब नए स्तर पर पहुंच चुका है। सोशल मीडिया पर मालदीव को लेकर भारत की तरफ से लाखों टिप्पणियाँ की गई, जिसमें लोगों के साथ साथ नेता और अभिनेता कोई पीछे न रहा।

अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, वरुण धवन, सलमान खान, श्रद्धा कपूर के साथ-साथ दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, वेंकटेश प्रसाद और वीरेंद्र सहवाग ने लोगों से मालदीव जाने के बजाय घरेलू द्वीपों का पता लगाने की अपील की।

मालदीव के तीन मंत्रियों द्वारा पीएम मोदी की हालिया लक्षद्वीप यात्रा पर अपमानजनक पोस्ट किए जाने के बाद भारत और मालदीव के बीच विवाद शुरू हो गया। इन टिप्पणियों पर भारी प्रतिक्रिया हुई और सोशल मीडिया पर #BoycottMaldives ट्रेंड करने लगा, इसके बाद सोशल मीडिया पर कई भारतीयों ने मालदीव में अपनी तय छुट्टियां रद्द करने का दावा भी किया।

हालांकि मालदीव सरकार ने तीन उप मंत्रियों को पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा का मजाक उड़ाने के बाद यह कहते हुए निलंबित कर दिया कि उनके व्यक्तिगत विचार उसकी स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (IATO) के अध्यक्ष राजीव मेहरा ने Sputnik भारत को बताया कि इस विवाद के बाद अब मालदीव यात्रा से जुड़ी कॉल कम या बिल्कुल नहीं आ रही है। लेकिन इस विवाद का सबसे ज्यादा प्रभाव 15 से 20 दिनों के बाद दिखाई देगा।

कैसा है लक्षद्वीप?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद पूरे भारत में लोग इसकी तरफ आकर्षित हुए हैं। केरल के समुद्र तट से दूर लक्षद्वीप एक केंद्र शासित प्रदेश है। 36 मूंगा द्वीपों को मिलाकर, लक्षद्वीप एक उष्णकटिबंधीय स्वर्ग है जो अपने लुभावने समुद्र तटों और समृद्ध समुद्री जीवन के लिए प्रसिद्ध है, जो इसे एक सुखद पर्यटन स्थल बनाता है।
राजीव मेहरा बताते हैं कि यह क्षेत्र बहुत ही मनमोहक और शानदार है। मालदीव और लक्षद्वीप की तुलना में उन्होंने बताया कि मालद्वीप के बराबर लक्षद्वीप एक नया पर्यटन स्थल हो सकता है।

कैसे लक्षद्वीप मालदीव के बराबर आ सकता है?

भारत में IATO के अध्यक्ष मेहरा बताते हैं कि लक्षद्वीप एक आकर्षक जगह है, लेकिन इस जगह को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्टार पर प्रसिद्धि दिलाने के लिए लक्षद्वीप में अभी इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने की जरूरत है। इसके साथ-साथ फ्लाइट की संख्या भी बढ़ाने की जरूरत होगी, बिना इसे सुधारे कुछ नहीं किया जा सकता है।

"सबसे पहले दिन भर में केवल एक ही 70 लोगों की क्षमता वाली फ्लाइट जाती है जिसमें आधे से ज्यादा स्थानीय लोग और एडमिनिस्ट्रेशन के लोग जाते हैं। यह फ्लाइट हफ्ते में 3-4 बार जाती है, और किसी भी क्षेत्र के लिए कनेक्टिविटी सबसे महत्वपूर्ण अंग है। लक्षद्वीप में केवल एक ढंग का होटल है। इसके अलावा वहां अच्छी कैटेगरी का कोई होटल नहीं है, और होटल नहीं होंगे तो पर्यटकों को लाया नहीं जा सकेगा," मेहरा कहते हैं।

इस क्षेत्र में वाटर स्पोर्ट की बात करते हुए राजीव मेहरा कहते हैं कि यहां वैसे तो इस तरह के स्पोर्ट्स हैं लेकिन वह भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के नहीं है। इसके अलावा यहां आने के लिए पड़ने वाले पर्मिट की जरूरत का खत्म होना बहुत ही जरूरी है।
1967 के लक्षद्वीप, मिनिकॉय और अमीनदीवी द्वीप समूह (प्रवेश और निवास पर प्रतिबंध) नियमों के तहत, गैर-मूल व्यक्तियों को लक्षद्वीप में प्रवेश करने और निवास करने के लिए सक्षम प्राधिकारी से निर्धारित प्रपत्र में परमिट प्राप्त करना होगा। सरकारी अधिकारियों, सशस्त्र बलों के कर्मियों और द्वीपों पर जाने या काम करने वाले उनके परिवारों को इस आवश्यकता से छूट दी गई है।

लक्षद्वीप पर्यटन की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक इस परमिट का उद्देश्य स्वदेशी अनुसूचित जनजातियों की सुरक्षा करना है, जो क्षेत्र की आबादी का लगभग 95% हैं।

"हर भारतीय नागरिक को लक्षद्वीप आने के लिए अपने स्थानीय पुलिस थाने से कलीरेंस सर्टिफिकेट हासिल करना होता है। जिसके बाद आप अपने आधार कार्ड के साथ लक्षद्वीप एडमिनिस्ट्रेटर ऑफिस में अपील करेंगे तब आपको परमिट मिलेगा। इसमें 14-15 दिन लग जाते हैं," मेहरा ने कहा।

कैसे आकर्षित होंगे पर्यटक लक्षद्वीप के लिए?

राजीव कहते हैं कि अगर पर्यटकों को यहाँ लाने के लिए सबसे पहले एडमिनिस्ट्रेशन को लक्षद्वीप जाने से पहले आने वाले दिक्कतों को हटाना होगा। होटल और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए तुरंत लेंड आलोकटेड करनी होगी।

"अगर आज सरकार इन द्वीप को डेवलप करना चाहती है तो परमिट सिस्टम तुरंत खत्म करना होगा। दूसरा लो कॉस्ट एयरलाइंस जैसे इंडिगो, स्पाइस जेट के जरिए सरकार यहां के लिए फ्लाइट बढ़ाये, जिसकी वजह से यहां पर्यटन बड़ जाएगा। हालांकि अच्छे होटल और दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर बनने में 2-3 साल बन जाएंगे। इन सब खामियों को सुधारने के बाद ही हम आगे जा सकते हैं," रजीव मेहरा ने कहा।
विदेशी पर्यटकों के लिए लक्षद्वीप सहित भारत में प्रवेश के लिए वैध पासपोर्ट और भारतीय वीज़ा रखना अनिवार्य है।
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