भारत के बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत और रूस के बीच वित्तीय वर्ष 2022-23 (31 मार्च को समाप्त) में द्विपक्षीय व्यापार 50 बिलियन डॉलर था और मौजूदा इसी अवधि में इसके बढ़ने की उम्मीद है।
बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार ने चेन्नई में हो रही पहली रूसी-भारतीय कार्यशाला ''ऑपरेशन ऑफ द ईस्टर्न सी कॉरिडोर'' में मंत्री के भाषण को उद्धृत किया, “हमारी द्विपक्षीय साझेदारी विस्तारित हुई है और वास्तव में बहुआयामी बन गई है, जिसमें सैन्य, सुरक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सहयोग शामिल है। भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार में पिछले वित्तीय वर्ष में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई, यह 50 अरब डॉलर तक पहुंच गया और इस वर्ष भी जारी रहने की संभावना है। इसी वित्तीय वर्ष में यह और भी अधिक बढ़ जाएगा।"
सोनोवाल ने कहा कि भारत के पूर्वी तट और रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र के बंदरगाहों के बीच पूर्वी समुद्री गलियारा नए व्यापारिक अवसरों के लिए "बड़ी संभावना" का वादा करता है।
भारत और रूस के बीच मंत्रिस्तरीय और आधिकारिक स्तर पर बातचीत जारी है, हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर दिसंबर 2023 में रूस की सफल यात्रा से वापस लौटे थे।