यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

पश्चिम जान गया है कि 'यूक्रेन परियोजना' विफल होना शुरू हो गई है: लवरोव

रूसी राष्ट्रपति के प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव ने कहा है कि शांतिपूर्ण समाधान के बारे में कीव के बयान मौजूदा वास्तविकताओं को ध्यान में रखे बिना दिए गए हैं। मास्को को यूक्रेन के आसपास शांति प्रक्रिया में प्रगति नहीं दिख रही है और इसलिए वह विशेष सैन्य अभियान जारी रखेगा।
Sputnik
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लवरोव ने यूक्रेन में स्थिति के समाधान पर समझौते के लिए राजदूतों की गोलमेज चर्चा के दौरान कहा कि पश्चिम समझता है कि "यूक्रेन परियोजना" विफल होने लगी है लेकिन फिर भी वह इसका समर्थन करना बंद नहीं कर सकता क्योंकि इसमें उनका आर्थिक लाभ अभी भी शामिल है।

लवरोव ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका मुख्य दाता है, इसके बाद जर्मनी, ब्रिटेन, डेनमार्क, पोलैंड, नॉर्वे, नीदरलैंड और स्वीडन हैं। सामान्य तौर पर, यूक्रेन में खर्च की जा रही वित्तीय सहायता की मात्रा दर्शाती है कि पश्चिम के लिए अपनी "यूक्रेन परियोजना" की विफलता को रोकना कितना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, वे पहले से ही समझते हैं कि व्यवधान शुरू हो गया है। वह न केवल प्रतिष्ठा के कारणों से बल्कि आर्थिक लाभ के दृष्टिकोण से भी ऐसा करना जारी रखेंगे।"

रूसी राजनयिक ने आगे कहा कि पश्चिम वास्तव में एक और पहलू पर ध्यान नहीं देना चाहता, वह है यूक्रेन को विभिन्न गर्म स्थानों पर दिए जाने वाले हथियारों का प्रसार, जहां उनका उपयोग सेना के अलावा चरमपंथियों और आतंकवादियों द्वारा किया जाता है।

लवरोव ने कहा, "पश्चिम द्वारा यूक्रेनी शासन को भेजे गए हथियार न केवल मध्य पूर्व के संघर्ष क्षेत्रों में पाए गए, बल्कि फिनलैंड, स्वीडन, डेनमार्क, नीदरलैंड और गाज़ा पट्टी में अवैध शिपमेंट पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं।"

ज़ेलेंस्की का 'पीस का फॉर्मूला'

लवरोव ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की पर बात करते हुए कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि "ज़ेलेंस्की फॉर्मूला" पश्चिम में लिखा गया था।

उन्होंने कहा, "हर कोई देखता है कि एंग्लो-सैक्सन किस उन्माद के साथ ज़ेलेंस्की फॉर्मूले के विकल्पों की कमी का बचाव करते हैं।अगर ऐसा है, तो जो लोग पश्चिम को थोड़ा भी जानते हैं उन्हें इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि यह पश्चिम ही था जिसने यह "ज़ेलेंस्की फॉर्मूला" लिखा था।"

बता दें कि ज़ेलेंस्की ने नवंबर 2022 में G20 शिखर सम्मेलन में प्रतिभागियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बात करते हुए एक तथाकथित दस सूत्रीय शांति योजना सामने रखी थी जिसमें मास्को के रुख को ध्यान में नहीं रखा गया था।
इसमें 1991 की सीमाओं से परे रूस के सशस्त्र बलों की पूर्ण वापसी और आज़ोव और ब्लैक सीज़ में "विशेष आर्थिक क्षेत्र" में यूक्रेन के नियंत्रण की वापसी शामिल है।
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