यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

निकोलायेव पर रूसी हमलों द्वारा सैन्य कारखाने, बंदरगाह और तेल डिपो प्रभावित हुए

निकोलायेव पर रूसी हमलों ने दो बंदरगाहों, काला सागर शिपयार्ड तेल डिपो और यूक्रेन स्वामित्व "उक्रोबोरोनप्रोम" के सैन्य कारखाने “ज़ोर्या-मशप्रोएक्ट” को प्रभावित किया।
Sputnik
इसके बारे में यूक्रेन के निकोलायेव में रूसी समर्थक आंदोलन के समन्वयक सर्गेइ लेबेडेव ने Sputnik को बताया। उन्होंने हमलों के क्षण का फुटेज जारी किया है, इस वीडियो ने विस्फोटों को रिकॉर्ड किया है।

“11 फ़रवरी की रात को निकोलायेव शहर के सैन्य ठिकानों पर सिलसिलेवार हमले किए गए। निकोलायेव के निवासियों ने कुल मिलाकर तीन लहरों में 10 'प्रहारों' की गिनती की। पहली लहर में निकोलायेव की बंदरगाह प्रणाली पर हमले किए,” सर्गेई लेबेडेव ने कहा।

लेबेडेव की बातों के अनुसार हमलों की दूसरी लहर का लक्ष्य निकोलायेव के तेल डिपो और लड़ाई के लिए उत्पादन बनाने वाले कारखाने “ज़ोर्या-मशप्रोएक्ट” थे।
यह कारखाना सैन्य-औद्योगिक राज्य स्वामित्व वाले "उक्रोबोरोनप्रोम" का हिस्सा है जो मुख्य रूप से युद्धपोतों के लिए गैस टरबाइन उपकरण के उत्पादन में लगी हुई थी।
साथ ही 10 फरवरी को किरोवोग्राद क्षेत्र में अलेक्जेंड्रिया रेलवे स्टेशन पर हमला किया गया था, जहां से सैन्य उपकरणों और ईंधन को ले जाया जा रहा था।
इससे पहले रूसी राष्ट्रपति के प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव ने कहा था कि रूस नागरिक बुनियादी ढांचे पर हमला नहीं करता है, सिर्फ सैन्य संरचना पर हमला करता है।
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