व्यापार और अर्थव्यवस्था

भारत ने दवा कंपनियों के हितों की रक्षा के लिए यूरोपीय FTA समूह की मांग को किया खारिज

भारत ने गुरुवार को कहा कि उसने प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौतों में 'डेटा एक्सक्लूसिविटी' प्रावधान को शामिल करने की यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) की मांग को खारिज कर दिया है।
Sputnik
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि ऐसा कोई मुक्त व्यापार समझौता (FTA) नहीं है जिसमें भारत जेनेरिक दवा उद्योग के खिलाफ जाएगा।
दरअसल यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के सदस्य आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं। यह समूह भारत के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है।

"वे चाहते हैं कि मुक्त व्यापार समझौते में ‘डेटा एक्सक्लूसिविटी’ शामिल हो। हमने उनकी मांग को खारिज कर दिया। हम अपने जेनेरिक उद्योग के साथ हैं। वास्तव में, जेनेरिक दवा उद्योग को फलता-फूलता देखना हमारा प्रमुख उद्देश्य है," बर्थवाल ने कहा।

डेटा एक्सक्लूसिविटी क्या है?

‘डेटा एक्सक्लूसिविटी’ अपने उत्पादों की उपयोगिता साबित करने के लिए नवप्रवर्तक कंपनियों द्वारा उत्पन्न तकनीकी आंकड़ों को सुरक्षा प्रदान करती है। फार्मास्युटिकल क्षेत्र में, दवा कंपनियां अपनी नई दवा की क्षमता और सुरक्षा साबित करने के लिए महंगे वैश्विक ​​​नैदानिक परीक्षणों के माध्यम से आंकड़े सृजित करती हैं।
इन आंकड़ों पर विशेष अधिकार प्राप्त करके, अनुसंधान से जुड़ी कंपनियां नियत अवधि के दौरान अपने प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को कम लागत वाली दवाओं के लिए विक्रय लाइसेंस प्राप्त करने से रोक सकती हैं।
बता दें कि भारत का जेनेरिक दवा उद्योग का कारोबार लगभग 25 अरब डॉलर का है और देश उत्पादन का 50 प्रतिशत निर्यात करता है।
ऑफबीट
वैज्ञानिकों का दावा दवाइयों के एक मिक्स्चर से बढ़ती उम्र को रोकना संभव
विचार-विमर्श करें