पिछले साल के अंत में, भारत में रूसी उत्पादों का आयात 1.8 गुना बढ़कर 60.1 अरब डॉलर हो गया। रूस भारत का दूसरा सबसे बड़ा माल आपूर्तिकर्ता था, वहीं 100 अरब डॉलर की आपूर्ति के साथ सिर्फ चीन रूस से आगे है।
वहीं भारतीय वस्तुओं का निर्यात 1.4 गुना बढ़कर 4 अरब डॉलर हो गया। परिणामस्वरूप, भारत और रूस के बीच व्यापार एक साल पहले के 37 अरब डॉलर से बढ़कर 65 अरब डॉलर हो गया और रूस ने सऊदी अरब को पछाड़कर भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में चौथा स्थान हासिल कर लिया है।
बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका पिछले वर्ष भारत का मुख्य व्यापारिक भागीदार बना रहा, हालांकि वर्ष के अंत में दोनों देशों के बीच व्यापार की मात्रा 9% घटकर 119 बिलियन डॉलर रह गई। इसके बाद चीन के साथ व्यापार की मात्रा 2% की गिरावट के साथ 116 बिलियन डॉलर और संयुक्त अरब अमीरात के साथ व्यापार की मात्रा 7% की कमी के साथ 78 बिलियन डॉलर हैं।
भारत के शीर्ष पांच व्यापारिक भागीदार में सऊदी अरब भी शामिल है, जिसका भारत के साथ व्यापार कारोबार साल भर में 17% गिरकर 44 अरब डॉलर हो गया।