केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने ब्राजील में आयोजित G20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
ब्राजील की अध्यक्षता के तहत G20 की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक में वी मुरलीधरन ने बातचीत, सतत विकास और बहुपक्षीय सुधारों की वकालत करते हुए अधिक वैश्विक सहयोग और अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों को सामूहिक रूप से संबोधित करने की प्रतिबद्धता की मांग की।
विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "वैश्विक शासन सुधार पर G20 विदेश मंत्रियों की बैठक के एक सत्र के दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि "वर्तमान बहुपक्षीय शासन संरचना पुरानी है, और व्यापक बहुपक्षीय सुधार, प्रभावी, परिणामोन्मुखी, समयबद्ध प्रक्रिया की आवश्यकता है।"
वस्तुतः भारत सुरक्षा परिषद में लंबे समय से लंबित तत्काल सुधार के लिए आवाज उठाता रहा है, और इस बात पर जोर दिया है कि वह स्थायी सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र के उच्च पटल पर स्थान पाने का उपयुक्त दावेदार है।
भारत के रुख को दोहराते हुए मुरलीधरन ने विदेश मंत्रियों की सभा को यह भी याद दिलाया कि एक आर्थिक मंच के रूप में G20 को सतत विकास लक्ष्यों (SDG) और जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
इस मध्य रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत के रुख की पुष्टि करते हुए उन्होंने बातचीत और कूटनीति से समाधान निकालने की वकालत की। वहीं इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष के समाधान के लिए दो-राज्य सिद्धांत के भारत के समर्थन को भी दोहराया।
बता दें कि इससे पूर्व जी20 बैठक के लिए अपनी प्रारंभिक टिप्पणी के दौरान ब्राज़ील के विदेश मंत्री माउरो विएरा ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यूक्रेन संकट और गाजा पट्टी संघर्षों को रोकने में असमर्थ रही है।