व्यापार और अर्थव्यवस्था

अगले पांच वर्षों में 700 लाख टन खाद्यान्न भंडारण सुविधाओं का किया जाएगा निर्माण: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में अनाज भंडारण सुविधाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों के लिए विश्व की सबसे बड़ी भंडारण योजना आरंभ की, जिसके अंतर्गत गोदामों और अन्न भंडारण केंद्रों का निर्माण किया जाएगा।
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भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारतीय किसानों के लिए विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना आरंभ की है जिसे 11 राज्यों की 11 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) में संचालित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने इस पहल के अंतर्गत गोदामों और अन्य कृषि बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए देश भर में 500 अतिरिक्त पैक्स की आधारशिला भी रखी।
नरेंद्र मोदी ने भंडारण योजना का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत में अगले पांच वर्ष में योजना के अंतर्गत गोदामों और कृषि से जुड़ी मूलभूत सुविधाओं को बनाते हुए 700 लाख मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता तैयार की जाएगी।

मोदी ने कहा, सहकारी क्षेत्र एक लचीली अर्थव्यवस्था को आकार देने और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को गति देने में सहायक है।

उन्होंने साथ ही सहकारी क्षेत्र से आग्रह किया कि वे खाद्य तेलों और उर्वरकों सहित कृषि उत्पादों के लिए आयात निर्भरता कम करने में सहायता करें
प्रधानमंत्री ने इस बात पर अफसोस जताया कि देश में भंडारण बुनियादी ढांचे की कमी के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

मोदी ने कहा, पिछली सरकारों ने कभी इस जरूरत पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया। लेकिन, आज पैक्स के जरिए इस समस्या का समाधान किया जा रहा है। दुनिया के सबसे बड़े खाद्यान्न भंडारण कार्यक्रम के तहत अगले पांच वर्षों में 700 लाख मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता तैयार की जाएगी।

प्रधानमंत्री ने देश भर में 18,000 पैक्स के कम्प्यूटरीकरण के लिए एक योजना का भी उद्घाटन किया।
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2023 में रूस से भारत में कृषि उत्पादों की आपूर्ति लगभग 40% बढ़ी
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