भारत-रूस संबंध
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भारत में कुडनकुलम NPP की दो नई इकाइयों की शुरुआत डेढ़-दो वर्षों में होगी: रोसाटॉम

रूस के सहयोग से भारत के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में स्थापित कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (NPP) एशिया का सबसे बड़ा ऊर्जा संयंत्र है।
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रूसी भागीदारी से बन रहे कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की तीसरी और चौथी बिजली इकाइयों की शुरुआत, योजना के अनुसार अगले डेढ़ से दो वर्षों के अंदर होगी, रोसाटॉम नामक रूसी राज्य निगम के महानिदेशक एलेक्सी लिखचेव ने कहा।

"कुडनकुलम एनपीपी में पहले चरण की दो इकाइयाँ पहले से ही चालू हैं, और चार इकाइयाँ बनाई जा रही हैं, जिनमें से दो की तैयारी उच्च स्तर पर है," लिखचेव ने कहा।

साथ ही उन्होंने कहा कि ''हमें उम्मीद है कि दो इकाइयाँ अगले डेढ़ से दो साल के भीतर लॉन्च हो जाएँगी।''
दरअसल वर्तमान में कुडनकुलम में चार परमाणु ऊर्जा संयंत्रों (इकाई 3, 4, 5 और 6) का निर्माण किया जा रहा है। इनमें से प्रत्येक इकाई 1,000 मेगावाट क्षमता की है। कुडनकुलम में पहले से ही 1,000 मेगावाट के दो संयंत्र (यूनिट 1 और 2) चालू हैं। सभी छह इकाइयां रोसाटॉम द्वारा प्रदान की गई रूसी प्रौद्योगिकी और उपकरणों से बनाई जा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संयंत्र के 2027 में पूरी क्षमता से काम शुरू करने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि भारत और रूस ने पिछले वर्ष दिसंबर महीने में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की भविष्य की बिजली उत्पादन इकाइयों के निर्माण से संबंधित कुछ "बहुत महत्वपूर्ण" समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे।
बता दें कि रूस परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के अलावा एशिया के अन्य देशों में भी सहयोग कर रहा है। रूसी राज्य निगम रोसाटॉम बांग्लादेश में रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण में सहयोग कर रहा है, और म्यांमार के साथ एक अंतर सरकारी समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
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रोसाटॉम द्वारा 2024 में भारत में कुडनकुलम एनपीपी की इकाई यूनिट-3 के रिएक्टर को लॉन्च करने की योजना
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