एक जर्मनी अखबार की हालिया रिपोर्ट के अनुसार जर्मनी भारत से गोला-बारूद खरीदने और फिर उसे मध्यस्थों के माध्यम से यूक्रेनी सशस्त्र बलों को हस्तांतरित करने की संभावना पर चर्चा कर रहा है।
इसके साथ इस रिपोर्ट पर Sputnik India ने भारतीय थिंक टैंक, मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस में सेंटर फॉर यूरोप एंड यूरेशिया की एसोसिएट फेलो डॉ. स्वस्ति राव से बात की, जिसमें उन्होंने बताया कि भारत ने हमेशा यूक्रेन संकट समाप्त करने के लिए शांति वार्ता पर जोर दिया है।
"भारत का रुख युद्ध में तटस्थता का है। भारत मानवीय सहायता और मध्यस्थता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उस संदर्भ में, यह बिल्कुल भी संभावना नहीं है कि भारत कोई गोला-बारूद सीधे यूक्रेन भेजेगा," राव ने बताया।
दरअसल यूरोपीय संघ ने यूक्रेन को मार्च के अंत तक लगभग 170,000 गोले की आपूर्ति करने का वादा किया है। यह वादा यूरोपीय संघ के विदेशी मामलों और सुरक्षा नीति के उच्च प्रतिनिधि जोसेप बोरेल ने यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा के साथ बातचीत में किया।
यूरोपीय संघ ने मार्च 2023 में यूक्रेन को एक वर्ष में दस लाख राउंड गोला-बारूद प्रदान करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। लेकिन, रिपोर्टों के अनुसार, यूरोपीय संघ इस लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाया। अब तक, यूरोपीय संघ ने केवल 355,000 राउंड गोले प्रदान किए हैं और वर्ष के अंत तक 1,155,000 राउंड प्रदान करने की योजना बना रहा है।
यूरोपीय संघ के पास गोला-बारूद का अपना भंडार है, लेकिन यह भंडार सीमित है। शायद इसलिए यूरोपीय संघ अन्य देशों से गोले खरीदने का भी प्रयास कर सकता है।
जर्मन मीडिया के अनुसार बर्लिन यूक्रेन को गोला-बारूद की नई आपूर्ति के लिए अरब राज्यों, साथ ही बाल्कन और अफ्रीका के देशों की ओर उम्मीद से देख रहा है।
"इस तरह की खबरों को परिप्रेक्ष्य में रखने की जरूरत है। यूरोप आज गोला-बारूद के लिए झोलीं फैला कर रखा हुआ है। यूरोपीय संघ के सदस्य देश और ब्रुसेल्स महाद्वीप के बाहर गोला-बारूद की तलाश कर रहे हैं," स्वास्ति राव ने कहा।
भारत और जर्मनी के बीच यूक्रेन को गोल-बारूद की आपूर्ति की रिपोर्ट को लेकर टिप्पणी करते हुए रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि यूक्रेन के सशस्त्र बलों के लिए गोला-बारूद की खरीद पर भारत और जर्मनी के बीच चल रही गुप्त वार्ता के बारे में मीडिया रिपोर्टें अफवाहें हैं।
"यदि भारत यूरोप को गोला-बारूद की आपूर्ति करेगा, तो यह यूक्रेन युद्ध में उपयोग के लिए नहीं बल्कि यूरोपीय देशों के अपने भंडार के लिए होगा। हालांकि यह भारत के लिए एक खतरे की रेखा है। शांति के पक्ष में भारत की प्रतिबद्धता हमेशा दृढ़ है," राव ने टिप्पणी की।