मेदवेदेव ने सोमवार को कहा कि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने एक अलग रास्ता चुना है, इसलिए अतीत के गुलामों की तरह यूरोप के देशों पर संयुक्त राज्य अमेरिका का स्वामित्व है।
उन्होंने कहा, "हमारे दुश्मन लगातार दावा करते हैं कि रूस का प्राथमिक उद्देश्य यूक्रेनी क्षेत्र पर कब्ज़ा करना है। हमें यूक्रेन के गेहूं, इस्पात, गैस और कोयले के प्रचुर संसाधनों को प्राप्त करने में कोई दिलचस्पी नहीं है, क्योंकि वर्तमान में ये धन दुर्भाग्य से लगभग अनुपस्थित है। हमारे लिए यूक्रेन का सबसे मूल्यवान पहलू इसके लोगों के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता है।"
उन्होंने साथ ही कहा कि पश्चिम के लिए यूक्रेन के आसपास का संघर्ष आज दो सभ्यताओं के बीच टकराव में बदल गया है। ऐसा लगता है कि हमारे विरोधी सीधे हमारे खिलाफ जाने से डरते हैं। यही कारण है कि उन्होंने वर्तमान नव-नाज़ी यूक्रेन को रूस के खिलाफ़ एक आक्रामक हथियार बना लिया है।
मेदवेदेव ने कहा, "हम निश्चित रूप से विशेष सैन्य अभियान को उसके तार्किक निष्कर्ष अंतिम जीत तक और नव-नाज़ियों के आत्मसमर्पण तक पहुंचाएंगे।"
इसके अलावा उन्होंने कहा कि यदि यूक्रेन रूस से लड़ने के लिए अमेरिका द्वारा बिछाए गए मूर्खतापूर्ण जाल में नहीं फंसा होता, तो सब कुछ अलग हो सकता था।