ब्रिटिश समाचारपत्र द सन ने कहा कि 2023 में ब्रिटेन द्वारा यूक्रेन को भेजे गए चैलेंजर-2 टैंकों में से यूक्रेनी सशस्त्र बलों द्वारा केवल आधे का उपयोग युद्ध संचालन के लिए किया जा सका है।
रिपोर्ट में बताया गया कि 14 टैंकों में से 5 टैंक बेकार होकर स्पेयर पार्ट्स की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिनकी डिलीवरी में महीनों लग सकते हैं।
एक और टैंक को रूसी लैंसेट यूएवी द्वारा नष्ट कर दिया गया था और दूसरे का उपयोग यूक्रेनी सशस्त्र बलों द्वारा अग्रिम पंक्ति के पीछे टैंक क्रू को प्रशिक्षित करने के लिए किया जा रहा है। मीडिया का दावा है कि लड़ाई में दो चैलेंजर-2 टैंक क्षतिग्रस्त हो गए थे, लेकिन उनकी मरम्मत कर दी गई है।
यूक्रेनी टैंक कंपनी के कमांडर ने द सन को बताया, "स्पेयर पार्ट्स को प्राप्त करने में बहुत समय लगता है। दोनों ओर से रसद प्राप्त करना बहुत जटिल है।"
यूक्रेनी कमांडर का मानना यह है कि ब्रिटिश टैंकों की आपूर्ति के बावजूद अभियान में सबसे बड़ी कठिनाई स्पेयर पार्ट्स का समय पर न मिलना है। उन्होंने साथ ही कहा कि चैलेंजर के कुछ हिस्से "शुरू से ही" खराब हो गए, जबकि अन्य को बार-बार बदलने की आवश्यकता होती है।
लेपर्ड और अब्राम्स टैंकों की क्षमता को लेकर भी संदेह
फरवरी 2022 में विशेष सैन्य अभियान की शुरुआत से ब्रिटेन ही नहीं, बल्कि अमेरिका, जर्मनी सहित अन्य पश्चिमी देश यूक्रेन को हथियार दे रहे हैं। हालांकि रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने कहा कि पश्चिमी हथियारों की आपूर्ति से लड़ाई के मैदान पर स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।
पिछले महीने अवदेयेवका के पास रूसी सैनिकों ने ड्रोन का उपयोग करके दो अमेरिकी निर्मित अब्राम्स टैंकों को नष्ट कर दिया। अमेरिकी रक्षा विभाग ने अब्राम्स टैंक के नष्ट होने की रिपोर्ट के बाद इसकी पुष्टि करने या कोई टिप्पणी देने से इनकार कर दिया और सभी पूछताछ कीव को भेज दी।
पिछले महीने अवदेयेवका के पास रूसी सैनिकों ने ड्रोन का उपयोग करके दो अमेरिकी निर्मित अब्राम्स टैंकों को नष्ट कर दिया। अमेरिकी रक्षा विभाग ने अब्राम्स टैंक के नष्ट होने की रिपोर्ट के बाद इसकी पुष्टि करने या कोई टिप्पणी देने से इनकार कर दिया और सभी पूछताछ कीव को भेज दी।
जर्मन लेपर्ड टैंकों ने भी युद्धक्षेत्र में यूक्रेन की स्थिति को बढ़ावा नहीं दिया। कुल मिलाकर जर्मन सरकार ने यूक्रेन को 18 लेपर्ड-2 टैंक भेजे हैं।
यूक्रेन में लेपर्ड के आने के तुरंत बाद रूसी सेना ने मिसाइलों और कामिकेज़ ड्रोनों से उनका शिकार करना शुरू कर दिया। नवंबर 2023 में फोर्ब्स पत्रिका ने बताया कि यूक्रेन को अपने सैनिकों की अक्षमता के कारण अपने पूरे लेपर्ड टैंक बेड़े को खोने का खतरा है।