"भारत और रूस के बीच परमाणु क्षेत्र में एक मजबूत रिश्ता है। उन्होंने चार रिएक्टरों का ऑर्डर दिया है। उनके पास अपनी स्वयं की वीवीईआर तकनीक है। इसका प्रयोग काफी समय से होता आ रहा है, यह पहले से ही कार्यात्मक है और निर्माण कार्य चल रहा है," राजीव नयन ने Sputnik India से कहा।
राजीव नयन ने Sputnik India को बताया कि "इन सभी क्षेत्रों में वे पहले ही कई संयुक्त बयान जारी कर चुके हैं। शोध में समय लगता है। रूस के अलग-अलग संस्थान और लैब हैं। रूस के प्रति भारत की प्रतिबद्धता है। काफी लंबे समय से हम थर्मोन्यूक्लियर पर काम कर रहे हैं, और भारत इस पर काम करना जारी रखेगा।"
व्यापार के लिए नए गलियारों का विकास
"भारत दक्षिण-पूर्व एशिया और उत्तर रूस को एक साथ लाने की कोशिश कर रहा है। वे 15-17 वर्षों से इस पर जोर दे रहे हैं। रूस के पास सामरिक समझ भी है, सामरिक विरासत भी है और सामरिक शक्ति भी है। यह हमेशा से एक बड़ा रणनीतिक देश रहा है, तो इसका एक रणनीतिक अर्थ है। यह कई उभरते कनेक्टिविटी मॉडल का एक विकल्प है। भारत और रूस आपस में और जुडने के विभिन्न मार्ग तलाश रहे हैं," नयन ने टिप्पणी की।