बम्बूसा दक्षिण गुजरात में पाए जाने वाली बांस की किस्म है, जिससे इस कुर्सी को बनाया गया है। बांस की यह किस्म मजबूत है और फर्नीचर में उपयोग के लिए आदर्श है।
इसके बाद उन्होंने अपने इंस्टिट्यूट में वर्कशॉप का आयोजन किया, आगे उन्होंने दक्षिण गुजरात में मौजूद बांस की किस्म बम्बूसा को जाना और देखा कि स्थानीय कामगारों ने इसका सही से इस्तेमाल नहीं किया है। तब उन्होंने स्थानीय लोगों और युवा वर्ग को बांस की ओर आकर्षित करने के लिए इस क्षेत्र में काम करना शुरू किया।
अंकित कुमार ने बताया, "जब मैंने उन सब के साथ काम करना शुरू किया, तो पाया कि उनकी नई पीढ़ी इस काम को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है, क्योंकि उन्हें इसमें आर्थिक लाभ नजर नहीं आ रहा था। फिर मैंने इसके पीछे का कारण जाना और पाया कि वे लोग जो भी चीज बना रहे हैं, वह परंपरागत है और आज के समय में उनका कम इस्तेमाल किया जाता है, और लोगों के बीच उन वस्तुओं की मांग भी बहुत कम है।"
अंकित कुमार ने बताया, "इसके बाद हमने अलग-अलग डिजाइन बनाए, फिर हमने पाया कि हम जो माल इस्तेमाल कर रहे हैं, वह बहुत मजबूत है। और विभिन्न प्रयोगों से गुजारने के बाद हमने सबसे सिम्पल कुर्सी को डिजाइन किया, जिसके बाद हमने इसे पेटेंट भी करा लिया, जिससे लोग इसके बारे में जान सकें।"
उन्होंने कहा, "मैंने बम्बूसा को चुना, क्योंकि इसकी भार वहन करने की क्षमता बहुत अच्छी है। यह लंबे समय तक चलने वाला और काफी मजबूत है। इसके अलावा, यह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। मैंने इस प्रोजेक्ट पर अपनी जेब से खर्च किया। कुर्सी मजबूत है। यह भारत में पेटेंट होने वाली पहली बांस की कुर्सी है।"