भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि भारत आने वाले वर्षों में विकास का केंद्र रहेगा और भारत द्वारा डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में किए गए काम की नकल करना और सफलता पर भरोसा करना श्रीलंका के हित में है।
श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त संतोष झा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संचालित डिजिटल इंडिया की सफलता के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने भारतीय डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र की सफलता पर प्रकाश डालते हुए पिछले महीने श्रीलंका में यूपीआई के लॉन्च और आगामी अद्वितीय डिजिटल पहचान परियोजना को याद किया, जिसे भारत श्रीलंका में क्रियान्वित कर रहा है।
विक्रमसिंघे ने आगे अपने वक्तव्य में कहा कि उन्होंने पिछले साल अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ श्रीलंका की चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करते हुए द्विपक्षीय संबंधों में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के तत्वों को लाने का फैसला किया।
उन्होंने आगे कहा कि श्रीलंका की मौजूदा स्थिति को देखते हुए उनकी सरकार को मदद की जरूरत है और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) के क्षेत्र में मदद पाने के लिए सबसे अच्छी जगह भारत है।
DPI के साथ-साथ अन्य वैश्विक और क्षेत्रीय अनुभवों के साथ भारत की सफलता की कहानी से प्रेरणा लेते हुए सेमिनार में उन तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिनसे श्रीलंका शासन और बाजारों के डिजिटल परिवर्तन से विकासात्मक लाभांश को सर्वोत्तम तरीके से प्राप्त कर सकता है।
सेंटर फॉर डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के सह-अध्यक्ष डॉ. प्रमोद वर्मा ने विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल इंडिया की सफलताओं की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए 2008 में सबसे कम बैंकिंग सुविधा वाले देशों में से भारत की यात्रा का विस्तार से वर्णन किया, जहाँ 20 प्रतिशत से कम बैंकिंग पहुंच थी और एक दशक से भी कम समय में यह 80 प्रतिशत से अधिक हो गई।