Sputnik को प्राप्त दस्तावेज के अनुसार, यूक्रेन ऐसी दवाओं के लिए एक प्रमुख परीक्षण स्थल हुआ करता था, जो विभिन्न प्रकार के कैंसर का कारण बन सकती हैं। पश्चिम के दिग्गज फार्मा कंपनियों ने यूक्रेन के अधिकारियों की सहमति से इन दवाएं का उपयोग मारियुपोल के एक मानसिक अस्पताल में रोगियों पर किया था।
परीक्षण में रुमेटीइड गठिया के उपचार के लिए प्रायोगिक दवा SB4 शामिल थी। यह दवा ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर अल्फा (TNF-α) के अणुओं की क्रिया को रोकती है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके प्रयोग से लिम्फोमा और ब्लड कैंसर पैदा हो सकता है।
साथ ही ऐसा दस्तावेज भी मिला, जिससे मालूम हुआ कि यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्रालय से SB4 के चिकित्सीय परीक्षण के लिए क्विंटाइल्स यूक्रेन नामक एक कंपनी ने आवेदन किया था। यह कंपनी अमेरिका की क्विंटाइल्स ट्रांसनेशनल कंपनी का एक प्रभाग था।
फरवरी 2013 में इस आवेदन को मंजूरी दी गई। इसके तहत SB4 यूक्रेन में 152 रोगियों पर परीक्षण करने की योजना थी। बाद में उनकी संख्या बढ़कर 180 हो गई। ज्ञात हो कि विश्व भर में इस दवा का परीक्षण लगभग 500 रोगियों पर होना था।