अखबार ने अनाम स्रोतों का हवाला देते हुए कहा कि इस प्रस्ताव पर इज़राइल के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल हरजी हलेवी और यहूदी राज्य में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने चर्चा की और फिर इसे संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के पास भेज दिया गया।
एजेंसी के साथ सहयोग करने में इज़राइल की अनिच्छा के कारण UNRWA को वार्ता से बाहर रखा गया। यह अनिच्छा तेल अवीव के अप्रमाणित आरोपों के कारण सामने आई है कि एजेंसी के 13,000 गाज़ा कर्मियों में से 12 कर्मी 7 अक्टूबर को यहूदी राज्य पर हमास के हमले में शामिल थे।
एजेंसी के बाहरी संबंधों की निदेशक तमारा अलरिफाई ने चेतावनी दी कि इज़राइल की योजना गाज़ा में प्रभावी सहायता वितरण को कमजोर कर देगी, जबकि संयुक्त राष्ट्र के कई अंदरूनी सूत्रों, साथ ही अन्य सहायता एजेंसियों और मानवाधिकार संगठनों ने जोर देकर कहा कि प्रस्ताव वास्तव में UNRWA को खत्म करने के उद्देश्य से था।
गौरतलब है कि इससे पहले, रूस के संयुक्त राष्ट्र दूत वासिली नेबेंज़्या ने अपनी ओर से UNRWA कर्मचारियों को बर्खास्त करने के फैसले की समीक्षा करने का आह्वान किया था और एजेंसी की फंडिंग बहाल करने की आवश्यकता पर भी बल दिया था।