विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

रूस ब्रिक्स देशों के साथ संयुक्त रूप से अंतरिक्ष पर खोज की संभावनाओं पर कर रहा विचार

दरअसल विगत वर्षों में चन्द्रमा मिशन फिर से अन्वेषण के केंद्र में है। कई राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ-साथ निजी कंपनियाँ पृथ्वी के निकटतम खगोलीय पड़ोसी के लिए मिशन शुरू कर रही हैं और इसकी सतह पर मानव बस्तियों से लेकर जल खनन कार्यों और दूरबीनों तक सब कुछ बनाने की योजना बना रही हैं।
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रूस ब्रिक्स ढांचे के भीतर चंद्रमा पर संयुक्त खोज अभियान आयोजित करने की योजना बना रहा है, रूसी विज्ञान अकादमी के अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान के चन्द्रमा कार्यक्रम के पहले चरण के वैज्ञानिक निदेशक एवं शिक्षाविद् लेव ज़ेलेनी ने कहा।

"ब्रिक्स के ढांचे के भीतर चन्द्रमा की खोज पर इतना बड़ा सहयोग आयोजित करना, जहाँ भारत, चीन और अन्य काफी विकसित देश हों, ये अभी भी केवल योजनाएं हैं, शायद हम निकट भविष्य में ब्रिक्स देशों की बैठक में इन पर चर्चा करेंगे," उन्होंने 12 अप्रैल को आगामी कॉस्मोनॉटिक्स दिवस को समर्पित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा।

अंतरिक्ष गतिविधियाँ समाज के लगभग हर पहलू में गहराई से अंतर्निहित हैं, दूरसंचार जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाना, वैश्विक वित्तीय लेनदेन को रेखांकित करना, जलवायु परिवर्तन अनुसंधान को बढ़ावा देना और सैन्य क्षेत्र में असममित लाभ को सक्षम करना ये सभी चीजें अंतरिक्ष अन्वेषण से जुड़ी हैं।

चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम

अगले दशक में अंतरराष्ट्रीय गठबंधन एक चंद्र अनुसंधान स्टेशन बनाने की योजना बना रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, एक साहसिक कदम के रूप में, रूस और चीन 2033 और 2035 के बीच चन्द्रमा पर एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने की योजना बना रहे हैं।
रूस नियमित रूप से ग्लोबल साउथ के देशों को अंतरिक्ष-संबंधी सहयोग की पेशकश करता है तथा भागीदारों के साथ राजनीतिक तालमेल पर जोर देता है।
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रूस और चीन की 2033-2035 में चंद्रमा पर परमाणु ऊर्जा सुविधा बनाने की तैयारी: रोस्कोस्मोस
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