इसे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के प्रशासन के चेहरे पर एक तमाचे के रूप में देखा जा रहा है। एक आधिकारिक जाँच ने निष्कर्ष निकाला है कि भारत ने 2021 में हुए उत्तरी अमेरिकी देश के राष्ट्रीय चुनावों में हस्तक्षेप नहीं किया।
इससे पहले ओटावा ने नई दिल्ली पर उसकी चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था और प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार का हाथ होने के ट्रूडो के बेबुनियाद विस्फोटक आरोपों के बाद दोनों देशों के बीच बिगड़ते संबंधों के बाद इसकी जाँच शुरू की गई।
एक चुनाव अधिकारी ने कहा, "मुझे विश्वास नहीं है कि 2021 के चुनाव के दौरान हमने भारत सरकार द्वारा अभियान में उन उपकरणों का उपयोग करने के सबूत देखे थे।"
बात दें कि वर्ष 2015 से कनाडा में सत्ता की बागडोर ट्रूडो के पास हैं। उनकी लिबरल पार्टी ने 2015 में 338 सदस्यीय संसद में भारी बहुमत हासिल किया, उसके बाद 2019 और 2021 के दो चुनावों में अपने राजनीतिक दल के पूर्ण बहुमत हासिल करने में विफल रहने के बाद अपने गठबंधन सहयोगियों के समर्थन से अल्पमत सरकार बनाने में कामयाब रहे।
फरवरी में भारत ने कनाडा के दावों को यह कह कर खारिज कर दिया कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते नई दिल्ली दूसरे देशों की चुनावी प्रथाओं में 'हस्तक्षेप न करने' के लिए प्रतिबद्ध है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत में कहा, "हमने कनाडाई आयोग की जाँच के बारे में मीडिया रिपोर्टें देखी हैं... हम कनाडा के चुनावों में भारतीय हस्तक्षेप के ऐसे सभी आधारहीन आरोपों को दृढ़ता से खारिज करते हैं।"
उन्होंने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, "दूसरे देशों की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करना भारत सरकार की नीति नहीं है। वास्तव में, इसके विपरीत, यह कनाडा है जो हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है।"
गौरतलब है कि ट्रूडो द्वारा कनाडा की धरती पर निज्जर की हत्या को अंजाम देने के लिए भारत सरकार के एजेंटों को दोषी ठहराए जाने के बाद अक्टूबर से भारत और कनाडा के बीच तनाव की स्थिति है।
घृणा अपराधों सहित भारत में कई मामलों में वांछित निज्जर को पिछले साल जून में सरे में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी थी।
भारत ने निज्जर की मौत पर कनाडा के आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें 'बेतुका' और 'राजनीति से प्रेरित' बताया।