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कनाडा द्वारा भारत पर चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगाना बेहद निराधार और निरर्थक: विशेषज्ञ
कनाडा द्वारा भारत पर चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगाना बेहद निराधार और निरर्थक: विशेषज्ञ
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भारत के पूर्व राजदूत अशोक सज्जनहार ने Sputnik India से बात करते हुए बताया कि "भारत चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश में नहीं है। भारत एक बहुत ही जिम्मेदार लोकतंत्र और जिम्मेदार देश है।"
2024-02-07T17:08+0530
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भारत के पूर्व राजदूत अशोक सज्जनहार ने Sputnik India से बात करते हुए बताया कि "भारत चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश में नहीं है। भारत एक बहुत ही जिम्मेदार लोकतंत्र और जिम्मेदार देश है। अगर हमें किसी को प्रभावित करना होता तो अपने क्षेत्र में ही करते, उनसे हमें क्या मतलब। भारत ने कनाडा में तो क्या, कहीं भी ऐसा नहीं किया है।" भारत और कनाडा के बीच खालिस्तान के मुद्दे पर तनातनी इतनी बढ़ गई है कि पिछले साल कनाडा को दिल्ली में राजनायिकों की संख्या कम करनी पड़ी। भारत हमेशा से कनाडा की सरकार से सबूत मांगता आया है, लेकिन कोई भी ठोस सबूत दिए बिना कनाडाई सरकार द्वारा लगातार भारत पर आरोप लगाए जा रहे हैं। Sputnik India ने सज्जनहार से सवाल किया कि क्या कनाडा का भारत पर आरोप लगाना अपने अपराधियों को छुपाने की चाल है? तब उन्होंने कहा, "कनाडा जानबूझकर अपने नेता जस्टिन ट्रूडो और उनकी राजनीतिक पार्टी को अधिक समर्थन पाने में मदद करने के लिए ऐसा कर रहा है।" इस बीच Sputnik India ने जब पूर्व राजदूत के. पी फैबियन से सवाल किया कि क्या यह रिपोर्ट दोनों देशों के बीच बिगड़ते संबंधों को देखते हुए भारत और कनाडा के बीच विश्वास में और गिरावट का संकेत देती है? इस पर उन्होनें सहमति जताते हुए कहा, "बिल्कुल रिश्ते में और ज्यादा गिरावट आएगी। कनाडा का कहना है कि भारत निज्जर मामले की जाँच में सहयोग नहीं कर रहा है, लेकिन दूसरे दिन हमारे उच्चायुक्त ने कहा कि कनाडा ने कोई सबूत नहीं दिया है।" दरअसल कनाडा चाहता है कि भारत के साथ उसके व्यापारिक संबंध बढ़ें , कुछ वक्त पहले भारत में कनाडा के उचायुक्त ने कहा कि कनाडा की कंपनी भारत में निवेश को बढ़ा रही है और खालिस्तान का मुद्दा कूटनीतिक रास्ते से सुलझाया जाएगा।
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कनाडा की शीर्ष विदेशी खुफिया एजेंसी, भारत के पूर्व राजदूत अशोक सज्जनहार, भारत और कनाडा के बीच खालिस्तान के मुद्दे पर तनातनी, ट्रैक रिकॉर्ड, कनाडा की सरकार से सबूत, ठोस सबूत दिए बिना कनाडाई सरकार द्वारा लगातार भारत पर आरोप, भारत के राजदूत को धमकी, भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश, पूर्व राजदूत के. पी फैबियन, भारत के पूर्व राजदूत मीरा शंकर, कनाडा और भारत के व्यापारिक संबंध
कनाडा की शीर्ष विदेशी खुफिया एजेंसी, भारत के पूर्व राजदूत अशोक सज्जनहार, भारत और कनाडा के बीच खालिस्तान के मुद्दे पर तनातनी, ट्रैक रिकॉर्ड, कनाडा की सरकार से सबूत, ठोस सबूत दिए बिना कनाडाई सरकार द्वारा लगातार भारत पर आरोप, भारत के राजदूत को धमकी, भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश, पूर्व राजदूत के. पी फैबियन, भारत के पूर्व राजदूत मीरा शंकर, कनाडा और भारत के व्यापारिक संबंध
कनाडा द्वारा भारत पर चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगाना बेहद निराधार और निरर्थक: विशेषज्ञ
हाल ही में एक रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा की शीर्ष विदेशी खुफिया एजेंसी ने भारत पर देश के चुनाव में संभावित हस्तक्षेप का आरोप लगाया है। यह पहली बार है कि भारत पर कनाडा में ऐसी गतिविधियों के लिए कथित तौर पर आरोप लगाया गया है।
भारत के पूर्व राजदूत अशोक सज्जनहार ने Sputnik India से बात करते हुए बताया कि "भारत चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश में नहीं है। भारत एक बहुत ही जिम्मेदार लोकतंत्र और जिम्मेदार देश है। अगर हमें किसी को प्रभावित करना होता तो अपने क्षेत्र में ही करते, उनसे हमें क्या मतलब। भारत ने कनाडा में तो क्या, कहीं भी ऐसा नहीं किया है।"
भारत और कनाडा के बीच खालिस्तान के मुद्दे पर तनातनी इतनी बढ़ गई है कि पिछले साल कनाडा को दिल्ली में राजनायिकों की संख्या कम करनी पड़ी।
अशोक सज्जनहार ने कहा, "हमारा ट्रैक रिकॉर्ड बिल्कुल बेदाग है, इसलिए यह बिना किसी आधार के भारत पर आरोप लगाने का एक अनावश्यक प्रयास है। कोई भी आरोप विश्वसनीय नहीं हैं, आरोप सिर्फ अफवाह हैं। यह एक गुप्त रिपोर्ट है जिसके बारे में कोई नहीं जानता कि इसे किसने बनाया और इसे कैसे बनाया गया। और कनाडा बस हवा में कुछ कहने की कोशिश कर रहा है। पूरी दुनिया इस रिपोर्ट को रद्दी में डाल देगी।"
भारत हमेशा से कनाडा की
सरकार से सबूत मांगता आया है, लेकिन कोई भी ठोस सबूत दिए बिना कनाडाई सरकार द्वारा लगातार भारत पर आरोप लगाए जा रहे हैं।
सज्जनहार ने कहा, "भारत नहीं चाहता है कि रिश्ते खराब हो, लेकिन जिस तरह से कनाडा भारत विरोधी तत्वों को पूरी तरह से अपना काम करने के लिए खुली छूट देते हैं, साथ ही वहाँ पर भारत के राजदूत को धमकी देते हैं। ऐसा करके वे भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश करते हैं। इसलिए उन्हें जिम्मेदाराना व्यवहार करना चाहिए और खुद के गिरेवान में झांकना चहाइए। उन्हें अपने व्यवहार और बयान पर ध्यान देने की जरूरत है और उन्हें यदि संबंधों को सामान्य बनाना है तो इसे ठीक करना होगा।"
Sputnik India ने सज्जनहार से सवाल किया कि क्या कनाडा का भारत पर आरोप लगाना अपने अपराधियों को छुपाने की चाल है? तब उन्होंने कहा, "कनाडा जानबूझकर अपने नेता जस्टिन ट्रूडो और उनकी राजनीतिक पार्टी को अधिक समर्थन पाने में मदद करने के लिए ऐसा कर रहा है।"
सज्जनहार ने कहा, "भारत विरोधी चरमपंथी खालिस्तान को समर्थन करने और उनका वोट लेने के लिए वे ऐसा कर रहे हैं। उनका दृष्टिकोण बहुत संकीर्ण है साथ ही वे छोटी सोच रखते हैं। वे अदूरदर्शी हैं और इससे भारत के साथ उनके रिश्ते ख़राब हो जायेंगे। शायद अभी उन्हें इसका एहसास न हो और वे इसे इतना महत्व न दें।"
इस बीच Sputnik India ने जब पूर्व राजदूत के. पी फैबियन से सवाल किया कि क्या यह रिपोर्ट दोनों देशों के बीच बिगड़ते संबंधों को देखते हुए भारत और कनाडा के बीच विश्वास में और गिरावट का संकेत देती है? इस पर उन्होनें सहमति जताते हुए कहा, "बिल्कुल रिश्ते में और ज्यादा गिरावट आएगी। कनाडा का कहना है कि भारत निज्जर मामले की जाँच में सहयोग नहीं कर रहा है, लेकिन दूसरे दिन हमारे उच्चायुक्त ने कहा कि कनाडा ने कोई सबूत नहीं दिया है।"
दरअसल कनाडा चाहता है कि भारत के साथ उसके
व्यापारिक संबंध बढ़ें , कुछ वक्त पहले भारत में कनाडा के उचायुक्त ने कहा कि कनाडा की कंपनी भारत में निवेश को बढ़ा रही है और खालिस्तान का मुद्दा कूटनीतिक रास्ते से सुलझाया जाएगा।
वहीं भारत के पूर्व राजदूत मीरा शंकर ने Sputnik India को बताया कि "भारत से प्रवास करने वाले विदेशी नागरिकों की प्राथमिक निष्ठा उस देश के प्रति है जिसमें वे बसे हैं। भारत का कुछ प्रभाव है लेकिन इसका उपयोग राजनीति में उलझने के बजाय मजबूत द्विपक्षीय सहयोग का समर्थन करने के लिए किया जाना चाहिए। कनाडा और भारत दोनों को अपने संबंधों में विश्वास बहाल करने का प्रयास करना होगा।"