व्यापार और अर्थव्यवस्था

भारत के आधे लोगों ने अमेरिकी डॉलर के आधिपत्य को किया अस्वीकार: सर्वे

यह सर्वेक्षण कोरबर इमर्जिंग मिडिल पॉवर्स रिपोर्ट 2024 के तहत भारतीय थिंक टैंक गेटवे हाउस, जर्मन फाउंडेशन कोरबर-स्टिफ्टंग, ब्रिक्स पॉलिसी सेंटर और साउथ अफ्रीकन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल अफेयर्स द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित किया गया है।
Sputnik
भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और जर्मनी जैसे देशों के एक नए सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 50% भारतीय अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व के प्रति प्रतिकूल दृष्टिकोण रखते हैं।
इन देशों में ब्राजील ऐसा देश रहा जहां अमेरिकी डॉलर के आधिपत्य के प्रति अस्वीकार्यता सबसे अधिक थी, देश भर में 81% उत्तरदाता डॉलर के प्रतिकूल दृष्टिकोण रखते हैं। इसके उपरांत दक्षिण अफ़्रीका में लगभग 63% के साथ दूसरे नंबर पर रहा, जबकि जर्मनी में डॉलर के प्रति धारणाएँ व्यापक रूप से अनुकूल रहीं।
वहीं रूस ने पहले ही मित्र देशों के साथ अपने पारस्परिक व्यापार में राष्ट्रीय मुद्राओं का उपयोग 75% तक बढ़ा दिया है। रूस ने डिजिटल मुद्राओं के लिए अपनी योजनाओं को तेज कर दिया है, जो अंतरराष्ट्रीय नियामकों के नियंत्रण से बाहर संचालित होती हैं। सेंट्रल बैंक ऑफ रशिया लंबे समय से चर्चित केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा, डिजिटल रूबल बनाने के लिए काम कर रहा है, जिसके 2025 में प्रचलन में आने की आशा है।
इसके साथ ब्रिक्स समूह डिजिटल मुद्राओं और ब्लॉकचेन पर आधारित एक स्वतंत्र भुगतान प्रणाली बनाने के लिए काम कर रहा है।
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