आंकड़ों के अनुसार भारत से मालदीव जाने वाले पर्यटक इस वर्ष की शुरुआत से मार्च तिमाही तक मात्र 34,847 रहे, जबकि पिछले वर्ष इसी तिमाही में 56,208 भारतीय यात्री द्वीप की यात्रा पर गए थे।
इन पर्यटकों की संख्या यह बताती है कि मालदीव जाने वाले लोगों में 38 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप द्वीपों के दौरे के बाद इस मुद्दे पर लोगों का अधिक ध्यान आकर्षित हुआ था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर बॉयकॉट मालदीव का चलन आरंभ हो गया था।
भारत से सेलिब्रिटीज के साथ तमाम लोगों ने मालदीव बहिष्कार का समर्थन किया था। उस समय विशेषज्ञों ने बताया था कि बहिष्कार का प्रभाव कुछ दिनों के बाद देखने को मिलेगा और अब इसका प्रभाव दिखने लगा है।
मालदीव के पर्यटन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2018 में मात्र 1 लाख से कम भारतीयों ने मालदीव का दौरा किया, जबकि 2.83 लाख चीनी पर्यटक मालदीव में दर्ज किए गए। जबकि चीनी संख्या स्थिर रही, 2019 में भारतीयों की संख्या बढ़कर 1.6 लाख हो गई। वर्ष 2021 महत्वपूर्ण वर्ष था, जिसमें 2.91 लाख भारतीय थे, क्योंकि कोविड के कारण दुनिया भर में पर्यटकों के लिए प्रतिबंध था और मालदीव आरटी-पीसीआर परीक्षणों के अधीन खुला था।
वहीं 2021 में मात्र 2238 चीनी लोगों ने मालदीव का दौरा किया, क्योंकि चीनी सख्त लॉक डाउन के अंतर्गत थे। भारतीय और चीनी दोनों पर्यटकों की संख्या इस वर्ष की पहली तिमाही में 2019 से कम रही है, परंतु पिछले वर्ष की तुलना में भारतीय पर्यटक लगभग 40% कम हैं, चीनी पर्यटक लगभग तीन गुना हो गए हैं।