यह सहयोग नामीबिया के वित्तीय बुनियादी ढांचे को प्रबल करने और समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक रणनीतिक छलांग है, गुरुवार को एनपीसीआई की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया।
इस सहयोग के माध्यम से, नामीबिया को अपने वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को आधुनिक बनाने में सहायता करना है। इसमें पहुँच, सामर्थ्य, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय भुगतान नेटवर्क दोनों के साथ कनेक्टिविटी और अंतरसंचालनीयता में सुधार निहित है।
बैंक ऑफ नामीबिया के गवर्नर जोहान्स गवाक्सब ने कहा कि, "उनका उद्देश्य वंचित जनसंख्या के लिए पहुँच और सामर्थ्य बढ़ाना, 2025 तक भुगतान उपकरणों की पूर्ण अंतरसंचालनीयता, वित्तीय क्षेत्र का आधुनिकीकरण और एक सुरक्षित एवं कुशल राष्ट्रीय भुगतान प्रणाली सुनिश्चित करना है।"
वहीं एनपीसीआई इंटरनेशनल के सीईओ, रितेश शुक्ला ने कहा, "हम इस साझेदारी को लेकर उत्साहित हैं, जो नामीबियाई नागरिकों को भारत की यूपीआई से प्रौद्योगिकी और अनुभवों का लाभ उठाकर तुरंत लेनदेन करने में सक्षम बनाएगी।"
ज्ञात है कि यूपीआई भारत की मोबाइल-आधारित तेज़ भुगतान प्रणाली है, जो ग्राहकों को वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) का उपयोग करके चौबीसों घंटे तुरंत भुगतान करने की सुविधा देती है। भारत में खुदरा डिजिटल भुगतान के लिए यूपीआई भुगतान प्रणाली अत्यंत लोकप्रिय हो गई है और इसका चलन तेजी से बढ़ रहा है।
अब तक, श्रीलंका, मॉरीशस, फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर सहित कई देशों ने डिजिटल भुगतान समाधानों पर भारत के साथ साझेदारी की है।